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साहिबगंज: लॉजेस्टिक पार्क तैयार होने के साथ लगा ग्रहण, जमीन नहीं देने पर अड़े रैयत

साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल से जुड़े अब लॉजेस्टिक पार्क के लिए 120 एकड़ जमीन खोजी जा रही है. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पोर्ट के बगल में मदनशाही गांव के उत्तर दिशा में जमीन को चिह्नित किया गया है.

Farmers not giving land for logistic park
लॉजेस्टिक पार्क
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Published : Sep 22, 2020, 2:27 PM IST

साहिबगंज: मल्टी मॉडल टर्मिनल से जुड़े अब लॉजेस्टिक पार्क के लिए 120 एकड़ जमीन खोजी जा रही है. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पोर्ट के बगल में मदनशाही गांव के उत्तर दिशा में जमीन को चिह्नित किया गया है. काम पर ग्रहण लग चुका है. भूमि अधिग्रहण का रैयत विरोध कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

रैयतों ने कहा कि यह जमीन उपजाऊ है. इस जमीन से हमारा परिवार का भरण पोषण चलता है. बाप-दादा के समय से खेती करते आ रहे हैं. आज लॉजेस्टिक पार्क के नाम हमारी जमीन छीनी जा रही है. इससे हम बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. यह जमीन हमारी जीविका का साधन है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में हम जमीन जिला प्रशासन को नही देंगे. चाहे इसके लिए जान भी क्यों न देनी पड़े.

ये भी पढ़ें: सदन के बाहर आमने-सामने सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ने एक-दूसरे को बताया किसान विरोधी

रैयत अपर समाहर्ता ने कहा कि पोर्ट का जुड़ा यह महत्वाकांक्षी योजना है. 120 एकड़ जमीन की जरूरत है. इसके लिए तैयारी शुरू भी हो चुकी है. थोड़ी बहुत परेशानी होती है. रैयत के साथ बैठकर रास्ता निकाला जाएगा यदि किसी प्रकार की समस्या होगी तो भूअर्जन से समाधान किया जाएगा. एक तरफ केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना पूरा होते ही साहिबगंज हर क्षेत्र में निर्यातक जिला बनेगा, लेकिन हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. कोई गारंटी नहीं है. सभी को रोजगार मिलेगा ही. अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और रैयत के बीच किस तरह समाधान हो पाता है.

साहिबगंज: मल्टी मॉडल टर्मिनल से जुड़े अब लॉजेस्टिक पार्क के लिए 120 एकड़ जमीन खोजी जा रही है. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पोर्ट के बगल में मदनशाही गांव के उत्तर दिशा में जमीन को चिह्नित किया गया है. काम पर ग्रहण लग चुका है. भूमि अधिग्रहण का रैयत विरोध कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

रैयतों ने कहा कि यह जमीन उपजाऊ है. इस जमीन से हमारा परिवार का भरण पोषण चलता है. बाप-दादा के समय से खेती करते आ रहे हैं. आज लॉजेस्टिक पार्क के नाम हमारी जमीन छीनी जा रही है. इससे हम बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. यह जमीन हमारी जीविका का साधन है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में हम जमीन जिला प्रशासन को नही देंगे. चाहे इसके लिए जान भी क्यों न देनी पड़े.

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रैयत अपर समाहर्ता ने कहा कि पोर्ट का जुड़ा यह महत्वाकांक्षी योजना है. 120 एकड़ जमीन की जरूरत है. इसके लिए तैयारी शुरू भी हो चुकी है. थोड़ी बहुत परेशानी होती है. रैयत के साथ बैठकर रास्ता निकाला जाएगा यदि किसी प्रकार की समस्या होगी तो भूअर्जन से समाधान किया जाएगा. एक तरफ केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना पूरा होते ही साहिबगंज हर क्षेत्र में निर्यातक जिला बनेगा, लेकिन हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. कोई गारंटी नहीं है. सभी को रोजगार मिलेगा ही. अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और रैयत के बीच किस तरह समाधान हो पाता है.

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