साहिबगंज: जिले में हुए नाबालिग के अपहरण के मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. नाबालिग के चचेरे भाई ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर उसके अपहरण की साजिश रची थी. पुलिस की कार्रवाई से डरकर सभी अपराधियों ने नाबालिग को पीरपैंती स्टेशन पर छोड़ दिया था और सभी फरार हो गए थे. सदर एसडीपीओ राजेंद्र दुबे ने पीसी कर इस पूरे मामले की जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि किडनैपिंग मामले में बालक भवेश यादव के चचेरे भाई ने ही किडनैपिंग की साजिश रची थी. चचेरे भाई ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था. हालांकि, पुलिस दबिश के बाद सभी अपराधी बालक को पीरपैंती स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गए थे. इस कांड में जिस स्कॉर्पियो का सहारा लिया गया था. उस स्कॉर्पियो के ड्राइवर सह मालिक बृजेश यादव को भी स्कॉर्पियो के साथ भागलपुर से गिरफ्तार किया गया है. अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.
गौरतलब है कि रविवार की शाम को बालक भवेश यादव का अपहरण हुआ था. देर रात फिरौती के तौर पर 80 लाख की मांग की गयी थी. मामला थाना में जाने के बाद पुलिस की दबिश बढ़ने लगी. जिसके बाद अपराधी सोमवार को भागलपुर जिला के पिरपैंती स्टेशन पर बालक को छोड़ फरार हो गए थे. बालक के पिता लाल बहादुर यादव पिरपैंती के गोबिंदपुर के रहने वाले हैं. पिछले कई सालों से बच्चों को पढ़ाने के लिए शहर के समलापुर में घर बनाकर रह रहे हैं.
किडनैपिंग के दिन घर आया था चचेरा भाई: बताया जाता है कि बालक का चचेरा भाई गांव में ही रहता है. घटना के दिन वह लाल बहादुर यादव यानी अपने चाचा के यहां आया था. उसने ही भवेश को दो सौ रुपए देकर ठंडा लाने के लिए झुमावती अस्पताल के पास भेजा था. दुकान जाने से पहले भवेश ने मोबाइल मां को देने की बात कही थी, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया. भवेश जिस दुकान पर गया, वहां पहले से एक युवक मौजूद था. उसने पिता से मिलने की बात कह कर बच्चे को स्कार्पियो में बिठा लिया और वहां से पीरपैंती चला गया. वहीं पेट्रोल पंप के पास एक झोपड़ी में रात भर रखा. पुलिस की दबिश को बढ़ते देख अपहरणकर्ता घबरा गया. अपने को असुरक्षित देख बच्चे को छोड़ दिया. फिलहाल, आरोपी की पहचान हो चुकी है. सभी लोगो की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है.