साहिबगंज: पाकुड़ जिले के लब्दा मिशन स्कूल में पढ़ने वाली 12 वर्षीय लड़की का शव कब्र से निकालकर साहिबगंज सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया. यहां तीन डॉक्टरों की टीम ने शव को देखा और फिर फोरेंसिक विशेषज्ञ नहीं रहने के कारण शव को दुमका फूलो झानो मेडिकल कॉलेज भेज दिया. बच्ची की मौत पर उठ रहे सवाल के बाद उसके शव को कब्र से निकाला गया है.
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इस मौत के बारे में लड़की के भाई ने कहा कि पाकुड़ स्कूल के इंचार्ज ने उन्हें बताया कि तीन लड़कियों को पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद सभी को 22 जुलाई की रात में बरहेट के एक मिशनरी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहीं पर इलाज के दौरान उसकी बहन की मौत हो गई. हालांकि मृतक के भाई ने ये भी बताया कि उसकी बहन की मौत क्यों हुई है इस बारे में उन्हें कुछ भी नहीं बताया गया. लड़की के पिता ने रांगा थाना में आवेदन देकर मामले में जांच की मांग की है.
यह पूरा मामला तब सामने आया जब ईटीवी भारत ने लड़की की मौत को संदिग्ध बताते हुए खबर प्रकाशित की. मौत पर उठ रहे सवाल के बीच बच्ची के शव को कब्र से निकाला गया है. इससे पहले निशिकांत दुबे ने ट्वीट करते हुए लड़की की मौत पर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने उन्होंने ट्वीट किया था कि 'बिना पोस्टमार्टम के कैसे अनुमान लगाया जा सकता है कि बच्चियों का बलात्कार, फूड प्वाइजनिंग या सर्प दंश या अन्य वजह से ये दिक्कत हुई, ये लापरवाही का नतीजा है और बच्चियों के परिवार का अनादर. प्राथमिकता देकर इसकी जांच हो ये अपील है'
ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस हरकत में आई. छात्रा की मौत के चार दिन के बाद शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे ही बरहड़वा इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार के नेतृत्व में रांगा, बरहेट, बरहड़वा और कोटालपोखर के थाना प्रभारी कब्र से शव निकालने पहुंचे. इस दौरान मौके पर मजिस्ट्रेट के रूप में पतना बीडीओ सुमन सौरभ मौजूद थे. शव निकालने से पहले प्रार्थना हुई. करीब सात बजे शव निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई. उसे निकालने में करीब घंटे भर का समय लगा.