रांची: कुछ वर्षों में युवाओं में स्वरोजगार की भावना बढ़ी है. अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए ऐसे सैकड़ों युवा हैं. जिन्होंने बेहतर पैकेज की नौकरियों को भी ठुकरा दिया है. विभिन्न पेशे के साथ-साथ युवाओं की पसंद खेती-बाड़ी भी है. अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी उपयोग कर खेती-बाड़ी करके रांची में ऐसे कई युवा हैं जो बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. चाहे तरबूज की खेती हो या फिर मछली पालन, गोपालन हो या कोई अन्य फसल.
इन दिनों राजधानी रांची के कनादु गांव निवासी सोनू चर्चा में हैं. कारण है वह पिछले 2 सालों से केले की खेती (Banana cultivation in Ranchi) कर रहे हैं और इसमें वह एक बार के उपज से 70 से 75 हजार का मुनाफा भी कमा रहे हैं. इसके साथ ही सोनू अन्य युवाओं को अपने साथ जोड़कर रोजगार भी दे रहे हैं. सोनू का मानना है की केला खाने में जितना स्वादिष्ट और सेहत के लिहाज से गुणवान है. इसकी खेती करने वाले को उतना ही जल्दी धनवान भी बना देता है.
सोनू ने एक एकड़ जमीन पर करीब 200 केले का पेड़ लगाया है. प्रतिवर्ष लगभग 2 से ढाई सौ किलो केले का उत्पादन करते हैं, केले की मांग भी बाजार में है. इसलिए वह इस व्यवसाय को और बढ़ा रहे हैं. एक बार केले का पौधा लगाने के बाद साल दर साल उससे नए पौधे निकलते हैं, जिससे बिना अतिरिक्त खर्च किए लाभ होता है. सोनू के केले आज दूसरे को भी काम और काम के बदले दाम दे रहा है. उनके बगान में काम करने वाले श्रवण को भी यहां रोजगार का एक जरिया मिल गया है.
सब्जी के साथ-साथ फल के रूप में भी केले का उपयोग किया जाता है. यही कारण है कि हमेशा बाजार में मांग रहती है और इसके उत्पादकों को कभी भी बाजार की चिंता नहीं करनी पड़ती है. केला ऐसी सब्जी और फल है जिसकी बाजार में हमेशा अच्छी कीमत भी मिल जाती है. कहते हैं ना केला में कोई झमेला नहीं है. ना ही खाने में और ना ही उगाने में. एक बार केले का पौधा लगाने के बाद साल दर साल उस से नए पौधे निकलते हैं और इसमें मुनाफा भी काफी है.