रांची: पूरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इनमें कई ऐसे हैं जिनकी स्थिति गंभीर है लेकिन कई मरीजों का घर पर ही इलाज चल रहा है. ऐसे भी लोग हैं जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं तो वे खुद को आइसोलेट कर दवा ले रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन लेवल धीरे-धीरे घटने लगता है. शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम नहीं हो, इसके लिए सरकार ने लोगों को प्रोनिंग करने की सलाह दी है. प्रोनिंग शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाता है. प्रोनिंग के अलावा कई और भी योग हैं जिससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है. योग प्रशिक्षक अमित ठाकुर ने ऐसे कई योग बताए जो कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए लाभदायक साबित होगा. इन अभ्यास को कर अपने शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं. शरीर में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहने पर कोरोना को जल्दी मात दे सकते हैं.
इन 8 अभ्यास और 2 प्राणायाम कर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को तेजी से बढ़ा सकते हैं-
1. ऊं मंत्र का अभ्यास
रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए दोनों हथेलियों को घुटनों के ऊपर रखेंगे. गहरी सांस अंदर लेंगे और ऊं का उच्चाकरण करेंगे. इस प्रक्रिया को पांच बार करेंगे. इसके बाद-ऊं सह नाववतु सह नौ भुनक्तु सह वीर्यं करवावहै तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ऊं शान्तिः शान्तिः शान्तिः मंत्र का उच्चारण करेंगे. दोनों हथेलियों को रगड़ते हुए गर्म करेंगे और आंखों पर मालिश करते हुए आंखें खोलेंगे.
2. त्रिकोण आसन
त्रिकोण आसन को बैठकर करेंगे. इस आसन में दाहिने हाथ को ऊपर उठाते हुए दाहिने कान से सटाना है. रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए धीरे-धीरे शरीर को बाईं तरफ झुकाएंगे. सहारे के लिए बाएं हथेली को जमीन पर रख सकते हैं. गहरी सांस लेते हुए वापस लौटना है. इस प्रक्रिया को पांच बार करना है. इसके बाद बाएं हाथ से भी इसे पांच बार करना है.
3. पादाधिरासन अभ्यास
इस अभ्यास को करने के लिए सबसे सबसे पहले बाएं हाथ को सीधा ऊपर उठाएंगे. इसके बाद दाहिने हाथ से बाएं बांह पर 10 बार हल्का प्रेशर देंगे. फिर बाएं हाथ को नीचे लाएंगे. यही प्रक्रिया दाएं हाथ से भी करनी है. इस अभ्यास के बाद ताजगी का अहसास होगा.
4. शवासन में यौगिक वृद्धि का अभ्यास
इस अभ्यास के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं. दोनों पांव के बीच हल्की दूरी रहेगी. शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें. गहरी सांस अंदर लें और धीरे-धीरे बाहर छोड़ें. यह प्रक्रिया 10 बार करनी है.
यह अभ्यास तीन तरह से करना है-
- उदर शवासन का अभ्यास
शवासन में लेटे हुए धीरे से दाहिने हथेली को नाभि के ऊपर रखेंगे. धीरे-धीरे सांस भरते हुए गुब्बारे की तरह पेट को फुलाना है. मन में एक से लेकर सात तक गिनें. सांस को उल्टा छोड़ते हुए सात से एक तक गिनें. यह एक राउंड पूरा हुआ. इसे पांच राउंड करें.
- चेस्ट ब्रिथिंग
यह सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास में से एक है. शवासन में लेटे हुए दाहिने हथेली को नाभि के ऊपर रखेंगे और बाएं हथेली को छाती के बीच में रखेंगे. धीरे-धीरे सांस लेंगे और यह महसूस करेंगे कि फेफड़ा धीरे-धीरे फैल रहा है. मन में एक से लेकर सात तक गिनें. सांस को उल्टा छोड़ते हुए सात से एक तक गिनें. यह एक राउंड पूरा हुआ. इसे पांच राउंड करें.
- कैलवीकुलर ब्रिथिंग
इस अभ्यास के दौरान दाहिने हथेली को नाभि के ऊपर रखेंगे और बाएं हथेली को छाती के बीच में रखेंगे. सांस लेते हुए गले में वाइब्रेशन का अनुभव करें. 10 बास सांस लें और छोड़ें. इसके बाद दोनों हाथों को वापस जमीन पर लाएंगे. इसके बाद शरीर को थोड़ा स्ट्रेच करेंगे.
5. भुजंग आसन
जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल 94 से कम रहता है, यह आसन उन लोगों के लिए रामबाण है. फेफड़े में फैलाव के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण आसन है. भुजंग आसन को करने के लिए सबसे पहले दोनों हाथों और पेट के बल लेट जाएंगे. इस दौरान दोनों पांव सटे रहेंगे और पूरा शरीर सीधा रहेगा. धीरे-धीरे सांस लेते हुए चेहरे की तरफ से शरीर को ऊपर उठाएं. फिर सांस छोड़ते हुए शरीर को वापस नीचे लाएं. इसे तरह 10 बार करना है.
6. मकरासन
मकरासन में पेट के बल लेटेंगे और दोनों केहुंनी को नीचे की तरफ रखेंगे. दोनों हथेलियों को दोनों गालों पर रखेंगे और पांव सटा रहेगा. चेहरा सामने की तरफ रहेगा. कुल 20 बार सांस लेना है और छोड़ना है.
7. मत्स क्रिरासन
इस आसन में पेट के बल लेटेंगे और दाहिने हाथ-पैर को थोड़ा फोल्ड करेंगे. हथेली के ऊपर सिर को रखेंगे. गहरी सांस लें और छोड़ें. इस प्रक्रिया को उल्टे तौर पर भी करना है. एक से दो मिनट इस अवस्थ में शरीर को रखेंगे. इसके बाद भुजंग आसन करते हुए उठकर बैठ जाएंगे.
इन सात प्राणायाम को करने के बाद ऐसे दो आसन हैं जिसे करके शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाई जा सकती है-
1. नाड़ी शोधन प्राणायाम
पहले तर्जनी और मध्यमा उंगली को सटाएंगे और उसे ललाट पर रखेंगे जहां अमूमन लोग चंदन लगाते हैं. अंगूठे से दाहिने नासिका को बंद करेंगे और बाएं से सांस अंदर भरेंगे. इसके बाद अनामिका से बाएं नासिका को बंद करेंगे और दाहिने से सांस छोड़ेंगे. इसी तरह यह प्रक्रिया उल्टे तौर पर भी करनी है. यह कुल 10 बार करनी है.
2. भ्रामरी प्राणायाम
दोनों तर्जनी उंगली से दोनों कानों को बंद करेंगे और गहरी सांस अंदर लेंगे. इसके बाद भौंरे की तरह गुंजन करेंगे. यह प्राणायाम 10 बार करनी है. अंत में एक बार फिर ऊं का उच्चारण करते हुए योग समाप्त करेंगे.