रांची: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को पूरे देश भर में मनाया जाता है. कोविड-19 महामारी के कारण हमारे दैनिक जीवन में काफी बदलाव आए हैं. जिसके कारण कई चुनौतियां भी आएंगी ऐसे में मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है. इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल डे मनाया जाता है. जिसे वर्ल्ड मेंटल वीक के रूप में मनाया जाएगा और यह वीक 10 अक्टूबर से लेकर 17 अक्टूबर तक चलेगा.
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
रिनपास के डायरेक्टर सुभाष सोरेन ने बताया कि मानसिक रोग असाध्य बीमारी नहीं है. यह छोटी शारीरिक बीमारियों की तरह है. मानसिक बीमारी में भी डॉक्टर की सलाह दवा और संयम काम आता है. इसको लेकर नए-नए शोध भी किए जा रहे हैं. पहले इस बीमारी को समाज के लोग उपेक्षा की नजर से देखते थे. लेकिन अब लोगों का नजरिया बदल गया है. अब इस बीमारी को छुपाने की प्रवृत्ति कम हो गई है.
झारखंड में मनोरोगियों की संख्या
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण लोगों के जीवनशैली में काफी असर पड़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में मनोरोगियों की संख्या देश के औसतन संख्या से अधिक है. झारखंड में कुल आबादी का करीब 11.1 फीसदी लोग किसी न किसी प्रकार के मानसिक रोग से ग्रसित हैं और डिप्रेशन का सही से इलाज नहीं कराने के कारण यह धीरे-धीरे गंभीर मानसिक रोग में बदल जाता है. इस लक्षण को समझकर समय पर लोगों को इलाज कराने की जरूरत है. भारत में डेढ़ सौ मिलियन लोग मानसिक रोग से ग्रसित हैं. वहीं विश्व में लगभग 450 मिलियन लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं.
कम्युनिटी स्तर पर मेंटल हेल्थ प्रोग्राम
रिनपास के डायरेक्टर सुभाष सोरेन ने बताया कि सरकार मनोचिकित्सक के क्षेत्र में काम करने के लिए तत्पर है. रिनपास के साथ मिलकर व्यवस्थाओं को सुधारने में लगी है. इसके लिए स्टेटमेंट अल हेल्थ अथॉरिटी बनाया गया है. जो राज्य में मनोचिकित्सक के क्षेत्र में व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगा है. राज्य के 7 जिलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाने की सहमति भारत सरकार ने दी है. सभी मेंटल कॉलेज में साइकेट्रिक यूनिट है. कम्युनिटी स्तर पर मेंटल हेल्थ प्रोग्राम चलाने की रूपरेखा तय की गई है. सरकार की कोशिश है कि मनोरोगियों का निशुल्क और बेहतर इलाज किया जा सके, ताकि अधिक से अधिक मेंटल हेल्थ लोगों तक पहुंचाया जाए.