रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा से संबंधित झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन, झारखंड श्रमिक संघ और टीवीएनएल मजदूर यूनियन की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक रांची में संपन्न हुई. मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला के सभागार में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने की.
इस बैठक में झारखंड कोलियरी मजदूर संघ के केंद्रीय महासचिव फागु बेसरा सहित सभी केंद्रीय समिति सदस्यों ने भाग लिया. शिबू सोरेन ने समिति के सभी सदस्यों को यह निर्देश दिया कि वह राज्य भर में मजदूरों के हितों की आवाज को बुलंद करें और झारखंड कोलियरी मजदूर संघ तथा अन्य मजदूर संगठनों को मजबूती प्रदान करने का काम करें.
जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए बना है झारखंड: बैठक को संबोधित करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा कि झारखंड का निर्माण जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए हुआ है. राज्य में विस्थापन और पलायन को रोकने की जरूरत है. शिबू सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा से संबंधित मजदूर संगठनों को कैसे ज्यादा सशक्त बनाया जा सकता है. इस पर सभी केंद्रीय समिति अपनी सलाह दें, दूसरे मजदूर संगठनों के सदस्य रहे श्रमिक कैसे हमारे संगठन से जुड़े, इसे लेकर भी विशेष रणनीति बनाने का निर्देश शिबू सोरेन ने दिया. उन्होंने कहा कि 'हक मांगने से नहीं मिलता बल्कि इसके लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है' किसी भी संगठन के लिए यह एक महत्वपूर्ण वाक्य है.
केंद्र की निजीकरण नीति का झारखंड में होगा जोरदार विरोध: वहीं झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के केंद्रीय महासचिव फागु बेसरा ने कहा कि आज की कार्यकारिणी की बैठक इस मामले में काफी महत्वपूर्ण रही कि पार्टी के सुप्रीमो शिबू सोरेन का मार्गदर्शन सभी को मिला है. इस बैठक में मजदूर संगठनों की मजबूती के साथ-साथ कोल इंडिया के मजदूरों के साथ वेज बोर्ड पर समझौते पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार जहां एक तरफ श्रमिक अधिकार कानून को कमजोर कर रही है. वहीं दूसरी ओर भारत सरकार के उपक्रमों का निजीकरण करने पर तुली हुई है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अनुषंगी मजदूर संगठन केंद्र सरकार की नीतियों का जोरदार विरोध करेंगे.
झारखंड कोलियरी मजदूर संघ के केंद्रीय सचिव विनोद पांडे ने कहा कि बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा और इससे जुड़े मजदूर संगठनों के अभिभावक शिबू सोरेन का स्पष्ट निर्देश केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में मिला है, जिसका पालन सभी मजदूर संघ पूरी गंभीरता से करेंगे ताकि राज्य में मजदूरों और कर्मचारियों की आवाज को कोई दबा ना सके.