गुमला: जिले में आज सुबह एक जंगली भालू की मौत हो गई. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग बसिया को दी. सूचना मिलने पर वन विभाग बसिया के प्रभारी वनपाल लिबनुस कुल्लू, राकेश कुमार मिश्रा, विद्या सागर भगत और भीखराम उरांव ने घटना स्थल पर पहुंचकर मृत भालू को कब्जे में लेते हुए प्रखंड पशु चिकित्सा विभाग भरनो पहुंचाया.
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भालू का किया गया पोस्टमार्टम: घटना जिला के भरनो प्रखंड के अंबवा पोखरटोली की है, जहां चौकी टंगरा के समीप आज सुबह जंगली भालू की मौत हो गई. ग्रामीणों की नजर मृत भालू पर पड़ी तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय भारती और बीएचओ डॉ अमरेंद्र नारायण सिन्हा ने मृत भालू का पोस्टमाटम किया. पोस्टमार्टम कर मृत भालू का लंग्स, लीवर, हार्ट, किडनी, स्प्लीन और आंत का पार्ट निकाल कर वन विभाग को सौंप दिया गया. डॉक्टरों ने बताया इन पार्ट की जांच के लिए फोरेंसिक लैब रांची भेजा जाएगा.
बॉडी में इंफेक्शन के कारण हुई मौत: डॉक्टरों ने बताया कि मृत मादा भालू की उम्र लगभग 10 से 12 वर्ष होगी. भालू की मौत उसके पूरे बॉडी में इंफेक्शन होने के कारण हुई है. बताते चलें कि भालू के पोस्टमार्टम से पहले ग्रामीण तरह तरह की अटकलें लगा रहे थे कि कोई भालू को मार कर फेंक दिया या किसी ने उसे जहर देकर मार डाला. दरअसल, बीते 21 अप्रैल को अंबवा गांव से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर अंबेरा नगेशियाटोली गांव में एक जंगली भालू ने एक महिला समेत दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं चार लोग घायल भी हुए थे. इसलिए लोग ये अटकलें लगा रहे थे कि इसे जानबूझ कर मारा गया है.
क्या कहते हैं डीएफओ: इस सम्बंध में डीएफओ गुमला श्रीकांत वर्मा ने बताया कि गुमला से वरीय पदाधिकारियों को एक रिपोर्ट भेजने वाले हैं, ताकि कोई स्टेट लेवल के वेटनरियन यहां आए और उसकी पूरी जांच करे. जिससे कि क्षेत्र में भालू के मरने का कारणों का स्पष्ट पता चल सके. बताते चले कि पिछले 30 जनवरी 2022 को भी भरनो प्रखंड के जिरहुल गांव के पहाड़ियों के समीप दो जंगली भालुओं के आपसी भिड़ंत में एक मादा भालू कि मौत हो गई थी. प्रखंड में छह महीने के अंदर दो भालुओं की मौत ही चुकी है. वन विभाग को इसकी सूचना है.