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हेमंत नहीं तो कौन, चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बाद राजनीतिक विकल्पों पर चर्चा तेज

Chief Minister Hemant Soren के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद फाइल राजभवन पहुंच चुकी है. इधर राजनीतिक विकल्पों पर चर्चा तेज हो गई है. अगर हेमंत पर कार्रवाई होती है तो फिर क्या कुछ संभावनाएं बनती हैं, जानिए इस रिपोर्ट में...

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Published : Aug 25, 2022, 3:47 PM IST

रांची: झारखंड के सियासी खेमें में हलचल मची हुई है. भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में अपनी रिपोर्ट राजभवन भेज दी है. रिपोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य घोषित करने की बात कही जा रही है. राजभवन से कभी भी कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है. बीजेपी की ओर से दावा किया जा रहा है कि राज्य में नया मुख्यमंत्री बनेगा. ऐसे में चर्चा इस बात की है कि हेमंत सोरेन के बाद क्या विकल्प (Who will become CM in Jharkhand?) हैं, इसे लेकर पार्टी के अंदर और राजनीतिक गलियारों दोनों में चर्चाओं का दौर जारी है.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होती है तो फिर क्या होगा आगे का रास्ता, जानिए क्या कहते हैं कानूनविद

राज्य में राजनीतिक विपल्पों पर चर्चा शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री पद को लेकर कई विकल्प नजर आ रहे हैं. एक हैं हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और दूसरे हैं उनके पिता सह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन तीसरी उनकी मां रूपी सोरेन. जानकारों का मानना है कि सत्ताधारी दलों में हो रही खींचतान के लिहाज से शिबू सोरेन को सामने लाना मुफिद होगा. इससे गठबंधन की एकता बनी रह सकती है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से झामुमो के ही कुछ विधायक खतियान के आधार पर स्थानीयता और पेसा एक्ट को लेकर सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इनमें सबसे मुखर होकर विरोध कर रहे हैं लोबिन हेंब्रम. गुरू जी की बहू सीता सोरेन भी वर्तमान व्यवस्था से नाराज चल रही है. इधर शिबू सोरेन का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं चल रहा है और उन्हें भी आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त से नोटिस मिला हुआ है.

राजपाट पर नियंत्रण के लिहाज से कल्पना सोरेन का सीएम बनना सबसे बेहतर विकल्प के रूप में नजर आ रहा है. लेकिन वह मूलरूप से ओड़िशा की रहने वाली हैं. अब देखना होगा कि क्या वह झारखंड के किसी रिजर्व सीट से चुनाव लड़ने की योग्यता रखती हैं. साथ ही कल्पना सोरेन के नाम पर पार्टी की एकजुटता संदेहास्पद लग रही है.

ये भी पढ़ें- राजभवन के बाहर बढ़ी हलचल, पल पल बदल रही है सूबे की राजनीति

हेमंत सोरेन की मां और शिबू सोरेन की पत्नी रूपी सोरेन के नाम की भी चर्चा चल रही है. क्योंकि कल्पना सोरेन को सीएम बनाने से परिवार में विवाद होने की आशंका बढ़ सकती है, इसलिए माना जा रहा है कि रूपी सोरेन के नाम पर परिवार और पार्टी में किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी. अगर रुपी सोरेन सीएम बनती हैं तो पिछले दरवाजे से हेमंत सोरेन सत्ता चलाते रह सकते हैं. इनका स्वास्थ्य सीएम बनने की राह में रोड़ा बन सकता है.

चौथा विकल्प यह है कि सोरेन परिवार अपने किसी वफादार विधायक जो आदिवासी हो उसे सीएम बना सकता है. इसे लेकर मंत्री चंपई सोरेन के नाम पर भी चर्चा हो रही है. हालांकि चंपई सोरेन खुद को सीएम बनने की रेस में नहीं होने की बात पिछले दिनो कह चुके हैं.

एक और विकल्प की भी यहां जोर शोर से चर्चा हो रही है. चूकि सत्ताधारी दल कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि कांग्रेस खेमे की गुटबाजी एक नया राजनीतिक समीकरण खड़ी कर सकती है. ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रपति शासन से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

रांची: झारखंड के सियासी खेमें में हलचल मची हुई है. भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में अपनी रिपोर्ट राजभवन भेज दी है. रिपोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य घोषित करने की बात कही जा रही है. राजभवन से कभी भी कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है. बीजेपी की ओर से दावा किया जा रहा है कि राज्य में नया मुख्यमंत्री बनेगा. ऐसे में चर्चा इस बात की है कि हेमंत सोरेन के बाद क्या विकल्प (Who will become CM in Jharkhand?) हैं, इसे लेकर पार्टी के अंदर और राजनीतिक गलियारों दोनों में चर्चाओं का दौर जारी है.

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राज्य में राजनीतिक विपल्पों पर चर्चा शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री पद को लेकर कई विकल्प नजर आ रहे हैं. एक हैं हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और दूसरे हैं उनके पिता सह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन तीसरी उनकी मां रूपी सोरेन. जानकारों का मानना है कि सत्ताधारी दलों में हो रही खींचतान के लिहाज से शिबू सोरेन को सामने लाना मुफिद होगा. इससे गठबंधन की एकता बनी रह सकती है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से झामुमो के ही कुछ विधायक खतियान के आधार पर स्थानीयता और पेसा एक्ट को लेकर सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इनमें सबसे मुखर होकर विरोध कर रहे हैं लोबिन हेंब्रम. गुरू जी की बहू सीता सोरेन भी वर्तमान व्यवस्था से नाराज चल रही है. इधर शिबू सोरेन का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं चल रहा है और उन्हें भी आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त से नोटिस मिला हुआ है.

राजपाट पर नियंत्रण के लिहाज से कल्पना सोरेन का सीएम बनना सबसे बेहतर विकल्प के रूप में नजर आ रहा है. लेकिन वह मूलरूप से ओड़िशा की रहने वाली हैं. अब देखना होगा कि क्या वह झारखंड के किसी रिजर्व सीट से चुनाव लड़ने की योग्यता रखती हैं. साथ ही कल्पना सोरेन के नाम पर पार्टी की एकजुटता संदेहास्पद लग रही है.

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हेमंत सोरेन की मां और शिबू सोरेन की पत्नी रूपी सोरेन के नाम की भी चर्चा चल रही है. क्योंकि कल्पना सोरेन को सीएम बनाने से परिवार में विवाद होने की आशंका बढ़ सकती है, इसलिए माना जा रहा है कि रूपी सोरेन के नाम पर परिवार और पार्टी में किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी. अगर रुपी सोरेन सीएम बनती हैं तो पिछले दरवाजे से हेमंत सोरेन सत्ता चलाते रह सकते हैं. इनका स्वास्थ्य सीएम बनने की राह में रोड़ा बन सकता है.

चौथा विकल्प यह है कि सोरेन परिवार अपने किसी वफादार विधायक जो आदिवासी हो उसे सीएम बना सकता है. इसे लेकर मंत्री चंपई सोरेन के नाम पर भी चर्चा हो रही है. हालांकि चंपई सोरेन खुद को सीएम बनने की रेस में नहीं होने की बात पिछले दिनो कह चुके हैं.

एक और विकल्प की भी यहां जोर शोर से चर्चा हो रही है. चूकि सत्ताधारी दल कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि कांग्रेस खेमे की गुटबाजी एक नया राजनीतिक समीकरण खड़ी कर सकती है. ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रपति शासन से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

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