रांची: राजधानी में प्रचंड गर्मी के कारण जल संकट उत्पन्न हो गया है. लोग पानी को लेकर परेशान हैं. जगह-जगह सरकारी पाइप में तो पानी समाप्त हो ही चुका है, साथ ही अब लोगों के घरों का मोटर भी फेल होता नजर आ रहा है. रांची के आम से लेकर खास, कम जनसंख्या वाले क्षेत्र से रिहायशी इलाकों तक सभी जगह पानी के लिए लोग परेशान हैं.
यह भी पढ़ें: Water Crisis: दो तरफ से नदियों से घिरा है ये इलाका, फिर भी आबादी है प्यासी
इस गर्मी में सिर्फ गरीबों के घर के पाइप का ही पानी नहीं सूख रहा है, बल्कि पैसे वाले और रसूखदारों के घर के भी मोटर दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, रांची के प्रख्यात नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित कुमार, प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर उज्ज्वल राय, डॉ अभिषेक कुमार के घरों का भी पानी खत्म हो गया है.
लगातार बढ़ रही गर्मी की वजह से ग्राउंड वाटर का लेवल लगातार नीचे जा रहा है. निगम की तरफ से लगाए गए एचवाईडीटी बोरिंग भी फेल होते नजर आ रहे हैं. कई अपार्टमेंट में 500 फीट से ज्यादा की बोरिंग कराने के बावजूद लोगों के घरों का नल सूख चुका है. नगर निगम के पदाधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष प्रचंड गर्मी को लेकर 400 फीट नीचे के डीप बोरिंग भी फेल हो गए हैं.
रिहायसी इलाकों में पानी के लिए त्राहिमाम: राजधानी के ड्राई जोन में शामिल हुए इलाकों की स्थिति तो और भी खराब है. राजधानी के कोकर, बूटीमोड़, मेन रोड, लालपुर, बरियातू, रातू सहित कई इलाकों में पानी के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. शहर के कोकर, बूटीमोड़, बरियातू, बांधगाड़ी, विद्यानगर, हरमू के कई बड़े अपार्टमेंट में मोटर फेल हो चुका है. एक साथ कई अपार्टमेंट में मोटर फेल होने के कारण शहर में मोटर मिस्त्री को भी पहुंचने में काफी वक्त लग रहा है क्योंकि एक ही समय में शहर के कई इलाकों के डीप बोरिंग फेल हो चुके हैं.
लोगों को मानसून का इंतजार: लगातार फेल हो रहे बोरिंग की वजह से राजधानी वासियों के कई काम ठप हो गए हैं. राजधानी वासियों ने बताया कि अचानक बोरिंग फेल होने से लोग घर से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. अपार्टमेंट में रहने वाले कई लोगों ने बताया कि लगातार बढ़ रही गर्मी की वजह से ग्राउंड वाटर का लेवल बहुत ही नीचे चला गया है. अब ऐसे में राजधानी वासियों के लिए मानसून ही एक सहारा बचा है. लोगों को मानसून का इंतजार है ताकि जल्द से जल्द ग्राउंड वाटर का लेवल फिर से समान्य हो और लोगों का जीवन सुचारु रूप से चल सके.