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राजधानी के कई इलाकों में छाया जल संकट,सरकारी सिस्टम भी हो रहा फेल

एक तरफ गर्मी का सितम तो वहीं दूसरी तरफ पानी के संकट ने लोगों का जीना दुर्लभ कर दिया है. झारखंड में हर दिन नया रेकॉर्ड बना रहा है. गर्मी ने इस बार सारे रेकॉर्ड को तोड़ दिए हैं. हालत यह है कि हर जिले में औसत तापमान 38 से 43 डिग्री के बीच रह रहा है. इन सबके बीच रांची में जल संकट छा गया है.

Water crisis in Ranchi
Water crisis in Ranchi
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Published : Apr 23, 2022, 4:02 PM IST

रांची: राजधानी रांची के कई इलाकों में जल स्तर नीचे जाने के कारण घरों के बोरिंग फेल होने लगे हैं. मुहल्लों में लगे सरकारी चापानल और कुआं सूख चूके हैं. ऐसे में या तो जल नल योजना के तहत सप्लाई वाटर पर लोगों को निर्भर होना पड़ रहा है या नगर निगम द्वारा मुहैया कराई जा रही वाटर टैंकर पर. मगर ये दोनों सेवा भी भरोसेमंद नहीं हैं. एक तो सप्लाई वाटर कब आयेगा ये निर्धारित नहीं है और दूसरा कई इलाकों में गंदा पानी आने की शिकायतें आ रही हैं, जिसे पेयजल में उपयोग नहीं किया जा सकता.

रांची में जल संकट: कडरु बगीचा टोला निवासी राजा की मानें तो एक तो गंदा सप्लाई वाटर आता है, वहीं दूसरी ओर एक टैंकर पानी पूरे मुहल्ला के लिए आता है जिससे संभव नहीं है कि सभी को मिल जाय. इसी तरह की शिकायत रांची के विद्यानगर, हिंदपीढ़ी, रातू रोड और धुर्वा इलाके में देखने को मिल रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी
नगर निगम का दावा, हर घर पहुंचेगा शुद्ध जल: पेयजल संकट से जूझ रहे राजधानी के लोगों को घर तक पानी पहुंचाने का दावा नगर निगम द्वारा किया जा रहा है. नगर निगम ने इसके लिए वाटर बोर्ड का भी गठन किया है और लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए कोषांग गठित किया गया है. वाटर टैंकर की संख्या में बढोत्तरी का दावा किया जा रहा है. मेयर आशा लकड़ा की मानें तो लोगों को किसी तरह की कठिनाई ना हो इसलिए निगम ने निरंतर वाटर टैंकर से पानी सप्लाई का काम किया जा रहा है.बहरहाल चिलचिलाती धूप और उमसभरी गर्मी के बीच सूखते गले को तड़ करने के लिए लोग पानी की तलाश में सुबह से ही जुट जाते हैं. ऐसे में जिनका अपना बोरिंग काम कर रहा है वो तो खुशनसीब माने जा रहे हैं, मगर परेशानी उनकी बढ़ी हुई है जो पानी की आस में सप्लाई वाटर का घंटों बाट जोहते रहते हैं.

रांची: राजधानी रांची के कई इलाकों में जल स्तर नीचे जाने के कारण घरों के बोरिंग फेल होने लगे हैं. मुहल्लों में लगे सरकारी चापानल और कुआं सूख चूके हैं. ऐसे में या तो जल नल योजना के तहत सप्लाई वाटर पर लोगों को निर्भर होना पड़ रहा है या नगर निगम द्वारा मुहैया कराई जा रही वाटर टैंकर पर. मगर ये दोनों सेवा भी भरोसेमंद नहीं हैं. एक तो सप्लाई वाटर कब आयेगा ये निर्धारित नहीं है और दूसरा कई इलाकों में गंदा पानी आने की शिकायतें आ रही हैं, जिसे पेयजल में उपयोग नहीं किया जा सकता.

रांची में जल संकट: कडरु बगीचा टोला निवासी राजा की मानें तो एक तो गंदा सप्लाई वाटर आता है, वहीं दूसरी ओर एक टैंकर पानी पूरे मुहल्ला के लिए आता है जिससे संभव नहीं है कि सभी को मिल जाय. इसी तरह की शिकायत रांची के विद्यानगर, हिंदपीढ़ी, रातू रोड और धुर्वा इलाके में देखने को मिल रही है.

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