ETV Bharat / state

पिपराबेड़ा में जल संरक्षणः बूंद-बूंद सहेजकर ग्रामीणों ने गांव तक पहुंचाया पहाड़ का पानी, सिंचाई से पीने तक में कर रहे इस्तेमाल

रांची के पिपराबेड़ा में जल संरक्षण की ग्रामीणों ने मिसाल पेश की है. यहां के ग्रामीण पहाड़ से रिसने वाले बूंद-बूंद पानी को सहेजकर खेती से पीने तक के काम में इस्तेमाल कर रहे हैं.

पिपराबेड़ा में जलसंरक्षणः बूंद-बूंद सहेजकर ग्रामीणों ने गांव तक पहुंचाया पहाड़ का पानी
author img

By

Published : Apr 21, 2022, 6:03 PM IST

Updated : Apr 21, 2022, 6:49 PM IST

रांचीः जल संरक्षण की सीख लेनी हो तो अनगड़ा के पिपराबेड़ा चले आइए. यहां ग्रामीणों ने जल संरक्षण की सोच से न सिर्फ पहाड़ का पानी बर्बाद होने से बचाया, बल्कि इसे गांव तक लाकर इस्तेमाल कर पानी की अपनी समस्या का भी निदान किया. गांव में चापानल, बोरिंग आदि न होने से पानी के लिए परेशान ग्रामीणों को पहाड़ के इस पानी से काफी राहत मिली है.

ये भी पढ़ें-झारखंड का माउंटेन मैन: पत्नी के लिए पहाड़ का सीना चीर कर निकाला पानी

बता दें कि राजधानी रांची से सटे खिजरी विधानसभा क्षेत्र में अनगड़ा प्रखंड का पिपराबेड़ा गांव पहाड़ों से घिरा है. इन पहाड़ों में कई जलस्रोत भी हैं, जिनका पानी रिसकर एक जगह एकत्र होकर आगे बढ़ता है. ग्रामीण इस पानी की हर बूंद को संरक्षित करते हैं और उसे इकट्ठा करते हैं. बाद में पाइप से खेतों तक पहुंचाते हैं. पिपराबेड़ा के ग्रामीण इस पानी का पीने में भी इस्तेमाल करते हैं. इससे यह बेशकीमती पानी बर्बाद नहीं होता.

देखें पूरी खबर
ऐसे करते हैं जलसंरक्षणः यहां रहने वाले धर्मनाथ बेदिया ने बताया कि हमारे यहां ग्रामीण बरसों से पहाड़ से निकलने वाले पानी को संरक्षित कर रहे हैं. चापानल बोरिंग की व्यवस्था न होने से हमारी इस पानी पर निर्भरता भी है. इसेसे आधुनिक तरीके से पाइप के माध्यम से एक कुआंनुमा गड्ढे में संरक्षित करते हैं, जहां से लोग संरक्षित जल को पीने के लिए ले जाते हैं. इसी पानी का इस्तेमाल खेती-बाड़ी में भी करते हैं.
Water Conservation in Piprabera
पिपराबेड़ा में जलसंरक्षणः बूंद-बूंद सहेजकर ग्रामीणों ने गांव तक पहुंचाया पहाड़ का पानी
शीतल जल से बुझाते हैं प्यासः यहां रहने वाले सुरेश कुमार ने बताया किपहाड़ का पानी इतना स्वच्छ और शीतल होता है कि लोग इस पानी को फ्रिज का पानी कहकर पीते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं. ग्रामीणों की इस पहल से सबसे ज्यादा महिलाओं को सहूलियत हुई है. पहाड़ के पानी के कारण इस गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ता है. महिलाएं घरेलू काम के लिए इस पानी का इस्तेमाल करती हैं. यहां की जागरूक महिलाएं लोगों को जल संचयन के प्रति आगाह भी करती हैं. उनकी मानें तो शहरों में लोग पानी को बर्बाद करते हैं, इसे कैसे सहेजना यह देखना है तो लोग हमारे गांव आकर देखें.

रांचीः जल संरक्षण की सीख लेनी हो तो अनगड़ा के पिपराबेड़ा चले आइए. यहां ग्रामीणों ने जल संरक्षण की सोच से न सिर्फ पहाड़ का पानी बर्बाद होने से बचाया, बल्कि इसे गांव तक लाकर इस्तेमाल कर पानी की अपनी समस्या का भी निदान किया. गांव में चापानल, बोरिंग आदि न होने से पानी के लिए परेशान ग्रामीणों को पहाड़ के इस पानी से काफी राहत मिली है.

ये भी पढ़ें-झारखंड का माउंटेन मैन: पत्नी के लिए पहाड़ का सीना चीर कर निकाला पानी

बता दें कि राजधानी रांची से सटे खिजरी विधानसभा क्षेत्र में अनगड़ा प्रखंड का पिपराबेड़ा गांव पहाड़ों से घिरा है. इन पहाड़ों में कई जलस्रोत भी हैं, जिनका पानी रिसकर एक जगह एकत्र होकर आगे बढ़ता है. ग्रामीण इस पानी की हर बूंद को संरक्षित करते हैं और उसे इकट्ठा करते हैं. बाद में पाइप से खेतों तक पहुंचाते हैं. पिपराबेड़ा के ग्रामीण इस पानी का पीने में भी इस्तेमाल करते हैं. इससे यह बेशकीमती पानी बर्बाद नहीं होता.

देखें पूरी खबर
ऐसे करते हैं जलसंरक्षणः यहां रहने वाले धर्मनाथ बेदिया ने बताया कि हमारे यहां ग्रामीण बरसों से पहाड़ से निकलने वाले पानी को संरक्षित कर रहे हैं. चापानल बोरिंग की व्यवस्था न होने से हमारी इस पानी पर निर्भरता भी है. इसेसे आधुनिक तरीके से पाइप के माध्यम से एक कुआंनुमा गड्ढे में संरक्षित करते हैं, जहां से लोग संरक्षित जल को पीने के लिए ले जाते हैं. इसी पानी का इस्तेमाल खेती-बाड़ी में भी करते हैं.
Water Conservation in Piprabera
पिपराबेड़ा में जलसंरक्षणः बूंद-बूंद सहेजकर ग्रामीणों ने गांव तक पहुंचाया पहाड़ का पानी
शीतल जल से बुझाते हैं प्यासः यहां रहने वाले सुरेश कुमार ने बताया किपहाड़ का पानी इतना स्वच्छ और शीतल होता है कि लोग इस पानी को फ्रिज का पानी कहकर पीते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं. ग्रामीणों की इस पहल से सबसे ज्यादा महिलाओं को सहूलियत हुई है. पहाड़ के पानी के कारण इस गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ता है. महिलाएं घरेलू काम के लिए इस पानी का इस्तेमाल करती हैं. यहां की जागरूक महिलाएं लोगों को जल संचयन के प्रति आगाह भी करती हैं. उनकी मानें तो शहरों में लोग पानी को बर्बाद करते हैं, इसे कैसे सहेजना यह देखना है तो लोग हमारे गांव आकर देखें.
Last Updated : Apr 21, 2022, 6:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.