रांचीः जिला प्रशासन के द्वारा मांडर उपचुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए हर तरह की तैयारी की गई है. 23 जून को होने वाले मतदान के लिए इस बार 38 पर्दानशीन बूथ बनाए गए (veiled booth built for voting) हैं. सभी पर्दानशीन बूथ पर महिला मतदानकर्मी तैनात की जा रही हैं ताकि किसी महिला के द्वारा किसी भी तरह का बोगस मतदान ना किया जा सके.
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मांडर विधानसभा उपचुनाव (Mander assembly by election) को लेकर 23 जून यानी गुरुवार को मतदान होना है. रांची जिला प्रशासन की कोशिश है कि किसी भी कीमत पर मतदान के दौरान कोई भी बोगस वोटिंग ना हो. यहां तक कि बोगस मतदान करने वाली महिलाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी. पर्दे की आड़ रहकर कोई भी महिला बोगस मतदान नहीं कर पाएंगी. मांडर उपचुनाव में पर्दानशीन बूथों का निर्माण करवाया गया है. इन बूथों में महिला मतदानकर्मियों की तैनाती की जा रही है. महिला मतदानकर्मियों की यह ड्यूटी रहेगी कि वह हर उस महिला की पहचान करेंगी जो पर्दे में रहकर वोट डालने आती हैं. पर्दे की आड़ में अगर कोई महिला दोबारा वोट डालने आएंगी तो उसे रोकने का काम महिला मतदानकर्मी करेंगे.
महिला मतदानकर्मियों की तैनातीः मांडर विधानसभा उपचुनाव में मतदान करने वालो में एक बड़ी आबादी मुस्लिम महिलाओं की है. ऐसे में महिलाएं नकाब पहनकर मतदान के लिए आती हैं. महिला मतदाताओं को मतदान करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न आए, उनको अपनी पहचान साबित करने के लिए पुरुष कर्मचारियों का सामना करना ना पड़े इसके लिए उनकी पहचान के कार्रवाई के लिए महिला कर्मचारियों की तैनाती की गई है. इसी उद्देश्य से 38 पर्दानशीन बूथ इस बार मांडर में बनाए गये हैं.
बोगस मतदान पर रोक की कोशिशः आमतौर पर यह देखा गया है कि कुछ महिलाएं भी बोगस मतदान करती हैं और अपने नकाब का गलत फायदा उठाती हैं. यही वजह है कि मांडर उपचुनाव में पर्दानशीन बूथों में ईवीएम रखने के स्थान पर सिर के बराबर पर्दा किया जाएगा. जिससे पर्दानशीन मतदाता को चुनाव निशान या प्रत्याशियों के नाम देखने में परेशानी ना हो, नकाब में मतदान करने वाली महिलाओं की पहचान कोई पुरुषकर्मी नहीं करेगा. सूची में छपी फोटो से नकाब वाली मतदाता की पहचान को कार्य महिला कर्मचारी करेंगी. वही तय करेंगी की नकाबपोश महिला मतदाता वही है जिसकी सूची में फोटो है.