रांची: झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल के हजारों आउटसोर्सिंग स्टाफ ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के कार्यालय के बाहर हंगामा किया. हंगामा करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि हाल के दिनों में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों की छटनी की जा रही है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि परिषद की ओर से चिट्ठी निकालकर सभी कर्मचारियों से रोस्टर मांगा गया और उस रोस्टर में आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों को शून्य बताया गया है. शून्य बताए जाने का मतलब होता है कि उन्हें नौकरी के लिए अयोग्य माना जा रहा है, यानी कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया जा सकता है.
रोस्टर में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को शून्य बताने के बाद कर्मचारियों को उनके नौकरी जाने की चिंता सताने लगी है. वहीं प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी ने बताया कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटर को बुलाकर उनकी परीक्षा ली गई और परीक्षा लेने के बाद उन्हें अयोग्य बताकर नौकरी से हटा दिया गया. कर्मचारियों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से सभी आउटसोर्सिंग पर बहाल कर्मचारी विभाग के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में यदि विभाग उनसे किताबी ज्ञान के आधार पर अयोग्य साबित करता है तो निश्चित रूप से काम कर रहे कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा.
कर्मचारियों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से काम करते-करते आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों को अनुभव हो गया है और वह विभाग के कोई भी काम को कर सकते हैं. लेकिन यदि उनसे पांच साल से ज्यादा काम कराने के बाद उनकी परीक्षा ली जाती है तो निश्चित रूप से कई कर्मचारी परीक्षा में पास नहीं कर पाएंगे. वहीं, आक्रोश जाहिर कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि कई आउट सोर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों की उम्र सीमा भी खत्म हो चुकी है. ऐसे में यदि उन्हें निकाल दिया जाता है तो वे बेरोजगारी हो जाएंगे.
अपनी मांगों को लेकर सोमवार को पूरे राज्य के स्टाफ रांची के जईपीसी (JEPC) कार्यालय पहुंचे और अपनी नौकरी बचाने को लेकर अधिकारियों से मिलने की कोशिश की, जिस पर अधिकारियों के आदेश पर सुरक्षाकर्मियों के द्वारा मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया गया. ताला जड़ने के बाद प्रदर्शन करने आए सभी कर्मचारी हंगामा करने लगे और अधिकारियों के द्वारा की जा रही अनावश्यक कार्रवाई का विरोध जताते नजर आए.