रांची: नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्र में किए गए अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है. विभाग के द्वारा इसके लिए 'अनाधिकृत आवासीय निर्माण के नियमितीकरण के लिए योजना-2022' का प्रारूप तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बतौर विभागीय मंत्री योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी है.
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शहरी क्षेत्र में किए गए अनाधिकृत निर्माण को नियमितीकरण शुल्क के माध्यम से नियमित करने के लिए झारखंड अधिनियम 2011 अधिसूचित किया गया था लेकिन, लोग इस अवसर का लाभ नहीं उठा सके. फिर राज्य सरकार द्वारा 'अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने के लिए योजना-2019' अधिसूचित किया गया लेकिन, यह योजना भी विभिन्न कारणों से आम जनता को रियायत पहुंचाने में विशेष कारगर नहीं हो सकी. एक बार फिर अनाधिकृत निर्माण को रेगुलराइज करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है. योजना के तहत 31 दिसंबर 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा. इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए लोगों से अगले एक महीने तक सुझाव और फीडबैक भी मांगे जाएंगे.
अनाधिकृत निर्मित्त भवनों के नियमितीकरण के लिए निर्धारित सीमा: बिल्डिंग की ऊंचाई 15 मीटर तक हो सकती है लेकिन, केवल ग्राउंड + 3 मंजिला (जी+3) का होना चाहिए और 500 वर्गमीटर तक प्लॉट क्षेत्र और 500 वर्गमीटर से अधिक का प्लॉट क्षेत्र, जिसका प्लिंथ क्षेत्र 75% या 500 वर्गमीटर, जो भी कम हो, होना चाहिए. आवासीय और गैर-आवासीय भवनों के लिए अलग-अलग शुल्क का निर्धारण किया गया है. नगर पंचायत स्थित आवासीय भवन के लिए 50 रुपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 75 रुपये प्रति वर्गमीटर, म्युनिसिपल काउंसिल (नगर पालिका परिषद) स्थित आवासीय भवन के लिए 75 रुपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय भवन के लिए 100 रुपये प्रति वर्गमीटर और नगर निगम/विकास प्राधिकरण/IADA/NAC/नगर पालिका क्षेत्र स्थित आवासीय भवन के लिए 100 रुपये प्रति वर्गमीटर और गैर-आवासीय के लिए 150 रुपये प्रति वर्गमीटर की राशि देय होगी.