रांची: भाजपा एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक रांची में 23 और 24 अक्टूबर को होने वाली है. इस बैठक को लेकर झारखंड में राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी को लगता है कि इस बैठक के जरिए वो आदिवासी समाज को साध लेगी, जबकि जेएमएम और कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी तीन दिन तक बैठक करे या तीन महीने तक उसे झारखंड की जनता पहचान चुकी है. अब यहां उसकी दाल नहीं गलने वाली है.
बैठक पर राजनीति शुरु
झारखंड में पहली बार आयोजित हो रहे भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक से पहले ही राजनीति शुरू हो गई है. ट्राइबल पॉलिटिक्स के बल पर सत्ता पाने में सफल रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा अपना खोया हुआ जमीन को तलाश रही है जो सफल नहीं हो सकेगा.
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने भाजपा को आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा है कि जो भाजपा झारखंड में परंपरा के तहत आदिवासी मुख्यमंत्री बनाती थी उसे गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास को लाकर जनता का भरोसा तोड़ दिया. उसपर आदिवासी भला कैसे विश्वास करेंगे. जनता जान चूकी है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही उसके रहनुमा हैं जो पूरी दुनियां में आदिवासी का मान सम्मान बढा सकते हैं.
वहीं, कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने भी भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि तीन दिन क्या तीन महीना तक क्यों ना भाजपा बैठक और सम्मेलन कर ले इससे कुछ फायदा नहीं होने वाला है.
इधर, विरोधियों के उठाए जा रहे सवाल से बेफिक्र भाजपा एसटी मोर्चा द्वारा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को भव्य और एतिहासिक बनाने के लिए तैयारी जोरों पर की जा रही है. झारखंड को आदिवासियों का केन्द्र बिन्दू मान रहे भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव को उम्मीद है कि कार्यसमिति की बैठक के बहाने भाजपा आदिवासी समाज में पकड़ मजबूत करने में जरूर सफल होगी, जिसका लाभ ना केवल झारखंड बल्कि देशभर में देखने को मिलेगा. रांची में कार्यसमिति की बैठक आयोजित होने के पीछे केन्द्रीय नेतृत्व का फैसला और देशभर से लोगों के आने जाने में होने वाली सुविधा को माना जा रहा है.
जनजातियों के बीच पैठ बनाने के उद्देश्य से भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 23-24 अक्टूबर को रांची में हो रही है. झारखंड में पहली बार आयोजित हो रही यह बैठक कई मायनों में अहम होगा. इस बैठक में देशभर के जनजातियों का समागम कर भाजपा झारखंड में ट्राइबल कार्ड खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर आयोजित हो रही इस कार्यसमिति में एसटी मोर्चा के सभी पदाधिकारियों के अलावे भारत सरकार के सभी ट्राइबल केंद्रीय मंत्री, देश भर के 46 आदिवासी सांसद, राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं कार्यसमिति सदस्य शामिल होंगे. 22 अक्टूबर की शाम मोर्चा राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी जिसमें राजनीतिक प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा.
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भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे उदघाटन
दो दिवसीय कार्यसमिति बैठक का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. सात सत्रों में चलने वाली बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय संगठक वी सतीश, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, नेता विधायक दल सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, पूर्व मंत्री सह मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जुएल उरांव, मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम सहित भारत सरकार के सभी जनजाति केंद्रीय मंत्री, देश भर के 46 जनजाति सांसद, राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं कार्यसमिति सदस्य शामिल होंगे.