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रांचीः खेतों में धान की रोपाई युद्ध स्तर पर, कृषि विभाग से नहीं मिल रही मदद

मानसून आने के बाद राजधानी रांची के ग्रामीण क्षेत्रों में धान की रोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, लेकिन ब्लॉक स्तर से किसानों को धान का बिचड़ा अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

धान की रोपाई का कार्य.
धान की रोपाई का कार्य.
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Published : Jul 7, 2020, 5:02 PM IST

रांचीः मानसून समय से आने से जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में नामकुम के ग्रामीण क्षेत्रों में धान की रोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी है, लेकिन मंत्री के आश्वासन के बाद भी ब्लॉक स्तर से इन गरीब किसानों को धान का बिचड़ा अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. लॉकडाउन में स्थिति खराब होने के बाद अब किसानों को बिचड़ा के लिए भी मोहताज रहना पड़ रहा है.

बारिश होने से अब किसान खेतों में धान की रोपाई करने में पूरी तरह से जुट गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी ब्लॉक स्तर से इन किसानों को बिचड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसकी वजह से किसानों को धान की रोपाई करने में काफी दिक्कत हो रही है.

किसी तरह से किसान बिचड़ा उपलब्ध कराकर धान की खेती में जुटे हुए हैं. लॉकडाउन के बाद कृषि विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा आश्वासन दिया गया था कि सभी किसानों को आसानी से ब्लॉक स्तर पर बिचड़ा उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन अब तक धरातल पर यह नजर नहीं आ रहा है.

इसे भी पढ़ें- दुमका: इस बार किसानों को मिला प्रकृति का साथ, बेहतरी के लिए सरकार से लगा रहे मदद की गुहार

आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं
3 महीना लॉकडाउन बीतने के बाद मानसून के समय पर पहुंचने के बाद किसानों के चेहरे पर खुशी चमक आई, लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण किसान अच्छी तरह से इस बार धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं.

कृषि कार्य में खर्च होने वाले पैसे की जुगाड़ में यह किसान सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार द्वारा बिचड़ा उपलब्ध कराया जाएगा. खेत की जुताई से लेकर बुवाई तक में इस बार किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण किसान इस बार लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह चिंतित हैं.

रांचीः मानसून समय से आने से जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में नामकुम के ग्रामीण क्षेत्रों में धान की रोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी है, लेकिन मंत्री के आश्वासन के बाद भी ब्लॉक स्तर से इन गरीब किसानों को धान का बिचड़ा अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. लॉकडाउन में स्थिति खराब होने के बाद अब किसानों को बिचड़ा के लिए भी मोहताज रहना पड़ रहा है.

बारिश होने से अब किसान खेतों में धान की रोपाई करने में पूरी तरह से जुट गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी ब्लॉक स्तर से इन किसानों को बिचड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसकी वजह से किसानों को धान की रोपाई करने में काफी दिक्कत हो रही है.

किसी तरह से किसान बिचड़ा उपलब्ध कराकर धान की खेती में जुटे हुए हैं. लॉकडाउन के बाद कृषि विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा आश्वासन दिया गया था कि सभी किसानों को आसानी से ब्लॉक स्तर पर बिचड़ा उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन अब तक धरातल पर यह नजर नहीं आ रहा है.

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आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं
3 महीना लॉकडाउन बीतने के बाद मानसून के समय पर पहुंचने के बाद किसानों के चेहरे पर खुशी चमक आई, लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण किसान अच्छी तरह से इस बार धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं.

कृषि कार्य में खर्च होने वाले पैसे की जुगाड़ में यह किसान सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार द्वारा बिचड़ा उपलब्ध कराया जाएगा. खेत की जुताई से लेकर बुवाई तक में इस बार किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण किसान इस बार लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह चिंतित हैं.

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