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3 नाबालिगों की तलाश में लगे पुलिस से लेकर डीजीपी तक, बकरी चोरी के आरोप में रातू थाना में बंद थे सभी

रांची के हिंदपीढ़ी से तीन नाबालिग के लापता होने की सूचना पर पुलिस पूरे दिन परेशान रही. घटना के अगले दिन पता चला कि सभी बच्चे बकरी चोरी के आरोप में रातू थाना में बंद थे.

three minors child
तीन नाबालिगों को रातू पुलिस ने बकरी चोरी के आरोप में पकड़
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Published : Sep 1, 2020, 10:43 AM IST

रांची: हिंदपीढ़ी से तीन नाबालिग के लापता होने की सूचना पर पूरे जिले की पुलिस परेशान रही. राज्य के डीजीपी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा तब घटना के दूसरे दिन पता चला कि जिन बच्चों को लापता समझा जा रहा है वह रातू थाने में बकरी चोरी के आरोप में पकड़े गए हैं. रातू थाना प्रभारी के लापरवाही की वजह से पूरे जिले की पुलिस रात भर परेशान रही.

रातू थानेदार की लापरवाही पड़ी भारी
नाबालिगों के पकड़े जाने के बाद रातू थानेदार राजीव रंजन लाल की लापरवाही से जिले की पुलिस और नाबालिगों के परिजन परेशान रहे. नाबालिग बीते रविवार की सुबह ही घर से निकले थे. देर शाम तक नहीं लौटने पर परिजनों ने हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने लगातार टेट्रा वायरलेस सेट पर सूचना फ्लैश किया. लगातार बच्चों के संबंध में जानकारी ली जाती रही, लेकिन रातू थाने की पुलिस की तरफ से इस सूचना पर न संज्ञान लिया गया और न ही किसी तरह का कोई जवाब दिया गया. यहां तक कि नाबालिगों के पकड़े जाने के बाद उनके परिजनों तक को सूचित नहीं किया गया. मामले में जब डीजीपी एमवी राव को परिजनों की ओर से ट्वीट किया गया तो इसके बाद डीजीपी ने रांची के एसएसपी को नाबालिगों को ढूंढने का आदेश दिया. इसके बाद रातू थानेदार की नींद खुली और बच्चों के संबंध में सोमवार की सुबह जानकारी दी. इसके बाद परिजन रातू थाना पहुंचे और राहत की सांस ली. हालांकि, नाबालिगों को रातू थाने की पुलिस की तरफ से सिमलिया से बकरी चोरी करने के आरोप में बाल सुधार गृह भेजा गया है.

पीएम दौरे के दौरान थे गायब
रातू थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल पर इस तरह के आरोप लगातार लगते रहे हैं. इस तरह की लापरवाही उनके तरफ से आम रही है, जब वे अरगोड़ा थाना प्रभारी हुआ करते थे उस दौरान वे अपना मोबाइल बंद रखकर गायब थे. उस समय जबकि प्रधानमंत्री का रांची दौरा होना था. रांची के तत्कालीन एसएसपी ने उन्हें थाने से यह कहते हुए हटा दिया था कि वे ट्रेसलैस हैं.

सीएम और राज्य के डीजीपी को किया गया था ट्वीट
रविवार से नाबालिगों के गायब रहने पर उनके परिजन परेशान हो गए थे. इस बीच परिजनों की ओर से राज्य के सीएम हेमंत सोरेन, डीजीपी एमवी राव और रांची पुलिस को ट्वीट कर बच्चों को ढूंढने की गुहार लगाई गई थी. इसके बाद से लगातार टेट्रा वायरलेस पर पूरे जिले में सूचनाएं प्रसारित की जाती रही. परिजनों ने भी हर सगे संबंधियों के यहां ढूंढा. हर संभावित जगहों पर गए. पूरी रात बच्चों की तलाश में परिजन जुटे रहे. इसके बाद रविवार की सुबह पता चला कि तीनों रातू थाने की हिरासत में हैं.

इसे भी पढ़ें-डीएसपी के प्रोन्नति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने गृह सचिव को उचित निर्णय लेने का दिया निर्देश

दुकानदार से पलंग सोफा मांगने वाला पुलिसकर्मी निलंबित
इधर, तुपुदाना निवासी पीड़ित अब्दुल मंसूर को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और रिश्वत मांगने के मामले में तुपुदाना एएसआई ललन सिंह को सस्पेंड कर दिया है. इस संबंध में एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने आदेश जारी किया है. अब्दुल मंसूर ने इस मामले को लेकर एसएसपी से शिकायत की थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने एएसआई को निलंबित करने की कार्रवाई की है.

दो अगस्त को ठगी के शिकार
तुपुदाना निवासी अब्दुल मंसूर दो अगस्त को ठगी के शिकार हुए थे. उनकी फर्नीचर की दुकान से फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर मनीष कुमार नाम के व्यक्ति ने उनसे पलंग, सोफा समेत अन्य सामान लिया था. तीन अगस्त को उसने पैसा देने की बात कहकर गायब हो गया. पैसा नहीं मिलने पर अब्दुल मंसूर ने तुपुदाना ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में तुपुदाना पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले की जांच की जिम्मेवारी एएसआई ललन सिंह को दी गई थी. मदद के बजाए एएसआई उनसे पलंग तो कभी अलमीरा की डिमांड कर रहे थे. उन्होंने एसएसपी से मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

रांची: हिंदपीढ़ी से तीन नाबालिग के लापता होने की सूचना पर पूरे जिले की पुलिस परेशान रही. राज्य के डीजीपी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा तब घटना के दूसरे दिन पता चला कि जिन बच्चों को लापता समझा जा रहा है वह रातू थाने में बकरी चोरी के आरोप में पकड़े गए हैं. रातू थाना प्रभारी के लापरवाही की वजह से पूरे जिले की पुलिस रात भर परेशान रही.

रातू थानेदार की लापरवाही पड़ी भारी
नाबालिगों के पकड़े जाने के बाद रातू थानेदार राजीव रंजन लाल की लापरवाही से जिले की पुलिस और नाबालिगों के परिजन परेशान रहे. नाबालिग बीते रविवार की सुबह ही घर से निकले थे. देर शाम तक नहीं लौटने पर परिजनों ने हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने लगातार टेट्रा वायरलेस सेट पर सूचना फ्लैश किया. लगातार बच्चों के संबंध में जानकारी ली जाती रही, लेकिन रातू थाने की पुलिस की तरफ से इस सूचना पर न संज्ञान लिया गया और न ही किसी तरह का कोई जवाब दिया गया. यहां तक कि नाबालिगों के पकड़े जाने के बाद उनके परिजनों तक को सूचित नहीं किया गया. मामले में जब डीजीपी एमवी राव को परिजनों की ओर से ट्वीट किया गया तो इसके बाद डीजीपी ने रांची के एसएसपी को नाबालिगों को ढूंढने का आदेश दिया. इसके बाद रातू थानेदार की नींद खुली और बच्चों के संबंध में सोमवार की सुबह जानकारी दी. इसके बाद परिजन रातू थाना पहुंचे और राहत की सांस ली. हालांकि, नाबालिगों को रातू थाने की पुलिस की तरफ से सिमलिया से बकरी चोरी करने के आरोप में बाल सुधार गृह भेजा गया है.

पीएम दौरे के दौरान थे गायब
रातू थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल पर इस तरह के आरोप लगातार लगते रहे हैं. इस तरह की लापरवाही उनके तरफ से आम रही है, जब वे अरगोड़ा थाना प्रभारी हुआ करते थे उस दौरान वे अपना मोबाइल बंद रखकर गायब थे. उस समय जबकि प्रधानमंत्री का रांची दौरा होना था. रांची के तत्कालीन एसएसपी ने उन्हें थाने से यह कहते हुए हटा दिया था कि वे ट्रेसलैस हैं.

सीएम और राज्य के डीजीपी को किया गया था ट्वीट
रविवार से नाबालिगों के गायब रहने पर उनके परिजन परेशान हो गए थे. इस बीच परिजनों की ओर से राज्य के सीएम हेमंत सोरेन, डीजीपी एमवी राव और रांची पुलिस को ट्वीट कर बच्चों को ढूंढने की गुहार लगाई गई थी. इसके बाद से लगातार टेट्रा वायरलेस पर पूरे जिले में सूचनाएं प्रसारित की जाती रही. परिजनों ने भी हर सगे संबंधियों के यहां ढूंढा. हर संभावित जगहों पर गए. पूरी रात बच्चों की तलाश में परिजन जुटे रहे. इसके बाद रविवार की सुबह पता चला कि तीनों रातू थाने की हिरासत में हैं.

इसे भी पढ़ें-डीएसपी के प्रोन्नति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने गृह सचिव को उचित निर्णय लेने का दिया निर्देश

दुकानदार से पलंग सोफा मांगने वाला पुलिसकर्मी निलंबित
इधर, तुपुदाना निवासी पीड़ित अब्दुल मंसूर को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और रिश्वत मांगने के मामले में तुपुदाना एएसआई ललन सिंह को सस्पेंड कर दिया है. इस संबंध में एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने आदेश जारी किया है. अब्दुल मंसूर ने इस मामले को लेकर एसएसपी से शिकायत की थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने एएसआई को निलंबित करने की कार्रवाई की है.

दो अगस्त को ठगी के शिकार
तुपुदाना निवासी अब्दुल मंसूर दो अगस्त को ठगी के शिकार हुए थे. उनकी फर्नीचर की दुकान से फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर मनीष कुमार नाम के व्यक्ति ने उनसे पलंग, सोफा समेत अन्य सामान लिया था. तीन अगस्त को उसने पैसा देने की बात कहकर गायब हो गया. पैसा नहीं मिलने पर अब्दुल मंसूर ने तुपुदाना ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में तुपुदाना पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले की जांच की जिम्मेवारी एएसआई ललन सिंह को दी गई थी. मदद के बजाए एएसआई उनसे पलंग तो कभी अलमीरा की डिमांड कर रहे थे. उन्होंने एसएसपी से मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

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