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स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए शिक्षकों ने किए हर जतन, कठिनाइयों के बीच संभाला प्रदेश का 'भविष्य'

पांच सितंबर को देश भर में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. कोरोनाकाल के बीच भले ही शिक्षक और शिष्य के बीच की दूरी बढ़ गई है. दोनों के संबंधों पर इसका असर नहीं पड़ा है. झारखंड में तमाम ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित न हो, इसके लिए हर जतन किए. यहां तक की तमाम शिक्षकों ने डिजिटल तकनीक से नजदीकी बढ़ाई, ताकि अपने शिष्यों को पढ़ा सकें.

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
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Published : Sep 5, 2021, 9:08 AM IST

Updated : Sep 5, 2021, 11:02 AM IST

रांची: कोरोना ने लोगों के आचार-व्यवहार पर बड़ा असर डाला है. इसमें सबसे अधिक असर शैक्षणिक व्यवस्था पर पड़ा है. अधिकतर जगहों पर कक्षाएं ऑनलाइन ही चल रही हैं, जिससे गुरु और शिष्य के बीच दूरी बढ़ गई है. लेकिन इसके बावजूद झारखंड समेत पूरे देश में शिक्षकों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज पांच सितंबर शिक्षक दिवस पर ईटीवी भारत ऐसे शिक्षकों को सलाम पेश कर रहा है.

ये भी पढ़ें-Teachers’ Day 2021 : जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, क्या है इसके पीछे इतिहास

पांच सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्म दिवस को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन स्कूल-कॉलेजों में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में आमतौर पर स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई सुचारू नहीं है. फिर भी तमाम छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों को शुभकामना दे रहे हैं और शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ऐसे कराई कोरोनाकाल में पढ़ाई

शिक्षाविद आरडी पाटीदार का कहना है कि कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से होने के कारण अब धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो रहीं हैं. लेकिन बच्चों के लिए स्कूल कॉलेजों में अभी भी लॉकडाउन का असर साफ साफ दिख रहा है. कोरोना के कारण गुरु और शिक्षक के बीच भी दूरियां बढ़ गईं हैं. गुरु और शिष्य के बीच का संवाद अब इलेक्ट्रॉनिक गजट के जरिए हो रहा है जो अधिक इफेक्टिव नहीं है. फिर भी बच्चों को पढ़ाने के लिए जिले समेत पूरे प्रदेश के शिक्षकों ने हर जतन किए. ताकि प्रदेश के भविष्य की बुनियाद कमजोर न हो. इसके लिए शिक्षकों ने ऑनलाइन पठन-पाठन कराया. व्हाट्सएप पर सेलेब्स बच्चों को भेजे, पाठ सामग्री भेजी. वन-टू-वन आधुनिक गैजेट से बच्चों को विषयों को समझाया. वीडियो कॉल से छात्रों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं का हल कराया.

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
ऑनलाइन पढ़ाई
Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
कोरोना के कारण शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित

बच्चों को पढ़ाने के लिए डिजिटल माध्यमों से करीबी

वहीं शिक्षक पंकज गुप्ता का कहना है कि महामारी के कठिन दौर में जब स्कूल-कॉलेज बंद थे. बच्चों के पढ़ाई के लिए ऑनलाइन वर्चुअल माध्यम का इस्तेमाल हो रहा था. उस दौरान भी एक टीचर हमेशा से ही स्टूडेंट के लिए मार्गदर्शक का भूमिका निभा रहा था. शिक्षकों ने बच्चों के लिए डिजिटल तकनीक सीखी फिर बच्चों को पढ़ाया. लेकिन दायित्व तो निभाना ही चाहिए.

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
ऑनलाइन पढ़ाई

रांची: कोरोना ने लोगों के आचार-व्यवहार पर बड़ा असर डाला है. इसमें सबसे अधिक असर शैक्षणिक व्यवस्था पर पड़ा है. अधिकतर जगहों पर कक्षाएं ऑनलाइन ही चल रही हैं, जिससे गुरु और शिष्य के बीच दूरी बढ़ गई है. लेकिन इसके बावजूद झारखंड समेत पूरे देश में शिक्षकों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज पांच सितंबर शिक्षक दिवस पर ईटीवी भारत ऐसे शिक्षकों को सलाम पेश कर रहा है.

ये भी पढ़ें-Teachers’ Day 2021 : जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, क्या है इसके पीछे इतिहास

पांच सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्म दिवस को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन स्कूल-कॉलेजों में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में आमतौर पर स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई सुचारू नहीं है. फिर भी तमाम छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों को शुभकामना दे रहे हैं और शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

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ऐसे कराई कोरोनाकाल में पढ़ाई

शिक्षाविद आरडी पाटीदार का कहना है कि कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से होने के कारण अब धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो रहीं हैं. लेकिन बच्चों के लिए स्कूल कॉलेजों में अभी भी लॉकडाउन का असर साफ साफ दिख रहा है. कोरोना के कारण गुरु और शिक्षक के बीच भी दूरियां बढ़ गईं हैं. गुरु और शिष्य के बीच का संवाद अब इलेक्ट्रॉनिक गजट के जरिए हो रहा है जो अधिक इफेक्टिव नहीं है. फिर भी बच्चों को पढ़ाने के लिए जिले समेत पूरे प्रदेश के शिक्षकों ने हर जतन किए. ताकि प्रदेश के भविष्य की बुनियाद कमजोर न हो. इसके लिए शिक्षकों ने ऑनलाइन पठन-पाठन कराया. व्हाट्सएप पर सेलेब्स बच्चों को भेजे, पाठ सामग्री भेजी. वन-टू-वन आधुनिक गैजेट से बच्चों को विषयों को समझाया. वीडियो कॉल से छात्रों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं का हल कराया.

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
ऑनलाइन पढ़ाई
Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
कोरोना के कारण शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित

बच्चों को पढ़ाने के लिए डिजिटल माध्यमों से करीबी

वहीं शिक्षक पंकज गुप्ता का कहना है कि महामारी के कठिन दौर में जब स्कूल-कॉलेज बंद थे. बच्चों के पढ़ाई के लिए ऑनलाइन वर्चुअल माध्यम का इस्तेमाल हो रहा था. उस दौरान भी एक टीचर हमेशा से ही स्टूडेंट के लिए मार्गदर्शक का भूमिका निभा रहा था. शिक्षकों ने बच्चों के लिए डिजिटल तकनीक सीखी फिर बच्चों को पढ़ाया. लेकिन दायित्व तो निभाना ही चाहिए.

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
ऑनलाइन पढ़ाई
Last Updated : Sep 5, 2021, 11:02 AM IST
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