रांची: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में असिस्टेंट टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए जेपीएससी (झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन) की ओर से ली गई परीक्षा और इंटरव्यू का रिजल्ट दोबारा जारी करने के झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
बीते 16 सितंबर को झारखंड हाईकोर्ट ने इन पदों पर इंटरव्यू में शामिल हुए कैंडिडेट में से 186 लोगों की उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश दिया था. इनमें से 26 कैंडिडेट ऐसे थे, जिनका नाम मेरिट लिस्ट में शामिल था.
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ देविस्मिता बासु नामक अभ्यर्थी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुला की बेंच में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
बता दें कि अप्रैल 2020 में जेपीएससी ने पूरे राज्य में सहायक टाउन प्लानर के 77 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था. मार्च 2021 में सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेपीएससी ने परिणाम जारी कर दिया और सफल हुए 43 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा सरकार को भेज दी थी. इनमें से 26 ऐसे अभ्यर्थी थे, जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था.
जेपीएससी ने 318 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था, जिनमें से 186 अभ्यर्थियों के पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2020 तक इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट तक नहीं था. इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी.
इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर का सर्टिफिकेट नहीं होने के बावजूद जेपीएससी ने जिन 186 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था, उनकी उम्मीदवारी रद्द की जाए.
अदालत ने ये भी कहा था कि इसके बाद शेष बचे वैसे अभ्यर्थी, जिन्हें साक्षात्कार में बुलाया गया था और जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर का सर्टिफिकेट था, उनकी नियुक्ति के लिए नया पैनल बनाकर फ्रेश रिजल्ट जारी करें.
इनपुट- आईएएनएस
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