रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में जूनियर डॉक्टर मदन एम की मौत के बाद हॉस्टल में रहने वाले सभी मेडिकल छात्र भयभीत हैं. हॉस्टल में रहने वाले मेडिकल छात्रों का कहना है कि जब हॉस्टल के अंदर मौजूद डॉक्टर की उसे जला दिया जा रहा है. ऐसे में कॉलेज परिसर में घूमने वाले डॉक्टरों कितने सुरक्षित हैं इसका अनुमान लगाया जा सकता है.
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डॉक्टर मदन एम की मौत पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और चिकित्सकों के अन्य संगठनों ने शुक्रवार देर शाम कैंडल मार्च निकाला. छात्र-छात्राओं ने डॉ. मदन एम को श्रद्धा सुमन अर्पित किये और अपनी सुरक्षा की मांग रिम्स प्रबंधन से की. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जयदीप और आईएमए के वरिष्ट सदस्य डॉ. विकास के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें रिम्स के कई जूनियर डॉक्टर शामिल हुए. कैंडल मार्च के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने निदेशक कार्यालय के समक्ष अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया.
जेडीए द्वारा यह मांग की गयी कि जल्द से जल्द रिम्स के हॉस्टल में सीसीटीवी, डॉक्टरों के खाने की उचित व्यवस्था, देर रात ड्यूटी कर वापस लौटने वाले महिला डॉक्टरों की सुरक्षा की व्यवस्था कराई जाए. हॉस्टल में रहने वाले जूनियर डॉक्टर की सुरक्षा के लिए किए गए प्रमुख मांगों पर प्रबंधन से जल्द से जल्द कदम उठाने की मांग की गई. वहीं जेडीए और उनके समर्थन में आए अन्य चिकित्सक संगठन ने डॉक्टर मदन एम की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की भी मांग की है.
बता दें कि रिम्स के एफएमटी डिपार्टमेंट में पढ़ाई करने वाले डॉक्टर मदन एम नामक छात्र की संदिग्ध मौत हो गयी. गुरुवार की सुबह उनका अधजला शव हॉस्टल नंबर 5 के पीछे काफी बुरे स्थिति में पाया गया था. शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम किया गया और उसके परिजनों को शव सौंप दिया गया. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.