रांचीः दिल्ली में किसान आंदोलन में गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को हुई परेड के दौरान हिंसा की चौतरफा निंदा हो रही है. इस घटना पर देश भर के तमाम लोग सवाल उठा रहे हैं. घटना पर तमाम किसान संगठन भी खुद को अलग कर रहे हैं, वहीं इससे आंदोलन को समर्थन दे रहे राजनीतिक दल भी असहज हैं. इस बीच झारखंड के पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर का बड़ा बयान आया है. ठाकुर ने घटना की निंदा की है. वहीं आंदोलन की इस घटना को असहयोग आंदोलन के 'चौरी-चौरा' जैसी घटना बन जाने की आशंका जताई है.
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झारखंड के पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि, अत्यंत दुर्भाग्य पूर्ण! हमने किसान आंदोलन का समर्थन किया था और आगे भी करते रहेंगे. पर इस प्रकार की अराजकता और वह भी गणतंत्र दिवस के दिऩ...अशोभनीय है. मुझे डर है कि यह कृत्य कहीं बापू के असहयोग आंदोलन का चौरी-चौरा न साबित हो जाए.
हिंसा पर संयुक्त किसान मोर्चा का बयान
इससे पहले ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते हैं और खेद जताते हैं, जो आज किसानों के आंदोलन के दौरान हुआ. असामाजिक तत्व हमारे बीच घुस आए हैं, अन्यथा हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण था. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम ऐसे तत्वों से खुद को अलग करते हैं जिन्होंने हमारा अनुशासन भंग किया. इससे पहले पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली में नांगलोई चौक पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लाल किले से खदेड़ दिया है. इस दौरान पुलिस ने मामूली लाठीचार्ज भी किया.