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रांचीः रिम्स के ब्लड बैंक में प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत, मरीजों को मिलेगा लाभ

रिम्स के ब्लड बैंक में सोमवार से एक्सचेंज प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत हो गई है.राज्य में पहली बार इस विधि से उपचार किया गया. इससे अब कई गंभीर मरीज का इलाज हो सकेगा.

प्लाज्मा थैरपी
प्लाज्मा थैरपी
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Published : Nov 3, 2020, 7:09 PM IST

Updated : Nov 3, 2020, 7:23 PM IST

रांचीः रिम्स के ब्लड बैंक में सोमवार से एक्सचेंज प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत की गई है. इस विधि से राज्य में पहली बार उपचार किया जा रहा है. इसको लेकर रिम्स के ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ सुषमा कुमारी ने बताया कि राज्य में पहली बार इस विधि से उपचार किया गया.

प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत

यह थेरैपी कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होती है साथ ही वह बताती है कि सोमवार को इस थेरपी का प्रयोग गुलेनबाड़ी सिंड्रोम के एक मरीज पर किया गया, जो पूरी तरह से सफल भी हुआ है.

इस थैरपी की जानकारी देते हुए डॉ सुषमा बताती हैं कि कई बार शरीर में ऐसे एंटीबॉडी डेवलप हो जाते हैं जो शरीर के जरूरी घटकों को नष्ट करने लगता है.

ऐसे में उस मरीज के प्लाज्मा को निकाल देना उचित होता है क्योंकि उस प्लाज्मा के साथ वो एंटीबॉडी भी बाहर आ जाता है जो शरीर के जरूरी घटकों को बर्बाद कर रहा था.

यह भी पढ़ेंः रांची: रेलवे कर्मचारियों के रात्रि भत्ता में हो सकती है कटौती, कर्मचारियों में मची खलबली

वहीं उन्होंने बताया कि इस थैरपी के माध्यम से प्लाज्मा निकालने के बाद मरीज को नार्मल स्लाइन व फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा या अन्य जरूरी तत्व मरीज को दिए जाते हैं ताकि उनका एंटीबॉडी सही तरीके से काम कर सकें. एक्सचेंज प्लाज्मा थैरपी की रिम्स में शुरुआत होने के बाद अब कई गंभीर मरीज का इलाज हो सकेगा.

रांचीः रिम्स के ब्लड बैंक में सोमवार से एक्सचेंज प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत की गई है. इस विधि से राज्य में पहली बार उपचार किया जा रहा है. इसको लेकर रिम्स के ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ सुषमा कुमारी ने बताया कि राज्य में पहली बार इस विधि से उपचार किया गया.

प्लाज्मा थैरपी की शुरुआत

यह थेरैपी कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होती है साथ ही वह बताती है कि सोमवार को इस थेरपी का प्रयोग गुलेनबाड़ी सिंड्रोम के एक मरीज पर किया गया, जो पूरी तरह से सफल भी हुआ है.

इस थैरपी की जानकारी देते हुए डॉ सुषमा बताती हैं कि कई बार शरीर में ऐसे एंटीबॉडी डेवलप हो जाते हैं जो शरीर के जरूरी घटकों को नष्ट करने लगता है.

ऐसे में उस मरीज के प्लाज्मा को निकाल देना उचित होता है क्योंकि उस प्लाज्मा के साथ वो एंटीबॉडी भी बाहर आ जाता है जो शरीर के जरूरी घटकों को बर्बाद कर रहा था.

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वहीं उन्होंने बताया कि इस थैरपी के माध्यम से प्लाज्मा निकालने के बाद मरीज को नार्मल स्लाइन व फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा या अन्य जरूरी तत्व मरीज को दिए जाते हैं ताकि उनका एंटीबॉडी सही तरीके से काम कर सकें. एक्सचेंज प्लाज्मा थैरपी की रिम्स में शुरुआत होने के बाद अब कई गंभीर मरीज का इलाज हो सकेगा.

Last Updated : Nov 3, 2020, 7:23 PM IST
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