रांची: कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में आतंक मचा हुआ है. लोग इस बीमारी से निजात पाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. हालांकि, इस वायरस से बचाव कर ही सुरक्षित रहा जा सकता है. अब तक इससे जुड़ी किसी भी तरह की वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है.
राष्ट्रीय आपदा घोषित
पूरे विश्व के साथ-साथ रांची में भी कोरोना वायरस का खौफ दिख रहा है. इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. भारत सरकार की ओर से कोरोना वायरस को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया गया है. झारखंड में भी एहतियात के तौर पर कई उपाय किए जा रहे हैं. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लोग जाने से बच रहे हैं. मंदिरों में भी सतर्कता बरती जा रही है. इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रांची के कई मंदिरों का मुआयना किया. इस दौरान पाया गया कि मंदिर में भी लोग सतर्क रहकर ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
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सतर्कता बरतने की जरुरत
इस मामले में कुछ लोगों का मानना है कि भगवान के शरण में आने मात्र से ही बीमारियां छूमंतर हो जाती है, लेकिन फिर भी सतर्क रहने की जरूरत है. कोरोना वायरस के प्रभाव से पूरी दुनिया में लोग डरे हुए हैं. मंदिर के पुरोहितों का कहना है कि सुरक्षित रहने के साथ-साथ लोग भगवान का ध्यान करें. मंदिर में पहुंच रहे श्रद्धालुओं का भी कहना है कि कोरोना वायरस के कारण लोग खुद तो सतर्कता बरत रहे हैं, साथ ही एक-दूसरे को भी जागरूक कर रहे हैं.
शिक्षण संस्थान बंद करने का निर्देश
कोरोना को लेकर बिहार में शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है. हालांकि झारखंड में अभी तक किसी भी संस्थान को बंद करने का निर्देश राज्य सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी लोग मंदिरों और विभिन्न आयोजनों में समूह में नहीं पहुंच रहे हैं.