पलामू: करीब एक दशक से नक्सल प्रभावित इलाके के 11 सड़कों के निर्माण कार्य पर लगी रोक को हटा लिया गया है. 2013-14 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पलामू में 17 सड़कों के निर्माण कार्य में घोटाला की बात सामने आई थी. जिसके बाद ये रोक लगाई गई थी,
घोटाले की बात सामने आने के बाद पूरे मामले में ग्रामीण विकास विभाग के तरफ से एफआईआर करवायी गयी थी. बाद में सरकार ने इस घोटाले की जांच एसीबी से करवाने का निर्णय लिया. सभी रोड घोटाले की जांच एसीबी की टीम कर रही थी. एसीबी जांच के कारण रोड का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा था. जिस कारण 150 गांव के हजारों की आबादी प्रभावित हो रही थी. लोकसभा चुनाव के दौरान भी ग्रामीणों ने रोड निर्माण को लेकर हंगामा किया. इसके अलावा पूरे मामले में पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखा और एसीबी को रोड निर्माण के लिए एनओसी देने को कहा. जिसके बाद झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पूरे मामले में पहल की है. मंत्री की पहल के बाद 11 सड़कों के निर्माण के लिए एनओसी जारी किया गया है.
वर्षो से लंबित सड़क निर्माण कार्य पर लगी रोक को हटाई गई है. हेमंत सोरेन सरकार विकास को लेकर कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है. सभी सड़कों का पुनर्निर्माण किया जाएगा. - राधाकृष्ण किशोर, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री
कौन कौन सी सड़को पर हो रही थी जांच और होगा पुनर्निर्माण
पाटन के कांके से सुठा रोड, ब्रहमोरिया से नावाडीह रोड, बिटी रोड से कवल, छतरपुर के टीओपी, पाटन-पड़वा रोड, मायापुर-नावाडीह रोड, बिरजा से जमडीहा, गोदरमा से नावगढ़, रामगढ़ से दिनाबार, बरांव से ओड़नार, बिटी रोड गम्हरिया शामिल है. सभी रोड के निर्माण कार्य में 2014 में लागत से अधिक भुगतान किया गया था. जिसके बाद मामले में कार्रवाई शुरू हुई थी.
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