रांची: 100 वर्ष पहले सऊदी अरब के सबसे बड़े कब्रिस्तान में मोहम्मद पैगंबर साहब, उनके परिवार और साथी के मजार पर हुई विध्वंसक कार्रवाई के खिलाफ पिछले 100 साल से विश्व भर के शिया समुदाय के लोग सऊदी अरब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जताते हैं. विरोध प्रदर्शन इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ईद की आठवीं तारीख को की जाती है.
इसी के मद्देनजर रविवार को राजधानी रांची में शिया समुदाय के मुसलमानों के एक संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने यह मांग भी की है कि 100 वर्ष पहले जिस विध्वंसक कार्रवाई के तहत मोहम्मद पैगंबर और उनके परिवार के मजार को तहस-नहस किया गया था, फिर से उसका निर्माण कराया जाए.
राजधानी रांची में प्रदर्शन चर्च रोड स्थित मस्जिद ए जाफारिया में किया गया. इस प्रदर्शन में शामिल शिया समुदाय के लोगों ने सऊदी अरब के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आतंकवादी विरोधी लिखे नारों की तख्तियां भी लेकर पहुंचे. इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे शिया मुसलमान लॉ बोर्ड के अध्यक्ष व मस्जिद ए जाफारिया रांची के इमाम मौलाना सैयद तहजीब उल हसन रिजवी ने अपनी बातें रखीं और पैगंबर साबह के मजार के निर्माण की मांग की.
मौलाना सैयद तहजीब उल हसन रिजवी ने कहा कि मोहम्मद साहब और उनके परिवारों के मजार को बनाने के लिए भारत सरकार के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ को भी ज्ञापन भेजा गया है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब सरकार से विश्व भर के शिया मुसलमान यह मांग करते हैं कि विश्व के सबसे बड़े कब्रिस्तान जन्नतुल बकी में जब तक मोहम्मद पैगंबर साहब, उनके परिवार और साथी के कब्रों को फिर से नहीं बनवाया जाता है तब तक पूरे विश्व के साथ राजधानी रांची और झारखंड के भी शिया समुदाय के मुसलमान प्रदर्शन करते रहेंगे.
बता दें कि 100 वर्ष पूर्व सऊदी अरब सरकार के द्वारा मुसलमानों के लिए सबसे अहम कब्रिस्तान जाना जाने वाला जन्नतुल बकी कब्रिस्तान में पैगंबर साहब, उनकी पुत्री और साथियों के मजार को ध्वस्त कर दिया गया था. जिसको लेकर पिछले 100 साल से पूरे विश्व के शिया मुसलमान सऊदी अरब सरकार का विरोध जताकर मजार बनाने की मांग कर रहे हैं.