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झारखंड में कोरोना जीवन रक्षक दवाओं की भारी किल्लत, रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भटक रहे मरीज - झारखंड में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत

झारखंड में एक ओर कोरोना लगातार विकराल रूप धारण करता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर राज्य में कोरोना जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी है. खास तौर कोरोना के इलाज में प्रभावशाली रेमडेसिविर इंजेक्शन का टोटा है. लोग इसके लिए भटक रहे हैं.

रेमडेसिविर
रेमडेसिविर
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Published : Apr 20, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 8:52 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होती जा रही है. संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड तो नहीं मिल रहा है साथ ही साथ इलाज के लिए महत्वपूर्ण दवा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. कोरोना में उपयोग होने वाली जीवन रक्षक दवाएं जैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन, डॉक्सीसाइक्लोविन, एजिथ्रोमाइसिन, पैरासिटामोल दवाएं बाजारों में उपलब्ध नहीं हैं.

देखें पूरी खबर.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक लॉकडाउन

रेमडेसिविर के लिए लोग अस्पतालों में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों के पास भी उम्मीद लगाकर पहुंच रहे हैं और घंटों इंतजार करने के बाद अधिकारी से आम लोगों की मुलाकात नहीं हो पा रही है.

रेमडेसिविर न रहने के कारण अधिकारी भी जरूरतमंद लोगों से भी मिलने से परहेज कर रहे हैं. रेमडेसिविर की कमी को लेकर राज्य औषधि निदेशक रितु सहाय बताती हैं कि जिस तरह से राज्य में रेमडेसिविर और अन्य कोविड दवाओं की मांग बढ़ रही है उस हिसाब से केंद्र सरकार और निर्माता कंपनियों द्वारा आपूर्ति नहीं हो रही है.

झारखंड में दवाओं की शॉर्टेज

इसीलिए दवाओं की कमी से लोगों को जूझना पड़ रहा है. रितु सहाय बताती हैं कि रेमडेसिविर जिन कंपनियों द्वारा निर्माण किया जाता है वह कंपनी झारखंड से काफी दूर हैं. इसके अलावा पूरे देश में रेमडेसिविर और कोविड 19 की अन्य दवाओं की मांग व्यापक स्तर पर बढ़ गई है जिस वजह से झारखंड में दवाओं की शॉर्टेज है.

रेमडेसिविर के लिए पिछले कई दिनों से भटक रहे राजेश कुमार अस्पताल का चक्कर काटते-काटते स्वास्थ्य मुख्यालय तक पहुंच गए, लेकिन वहां पर अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला द्वारा घंटों इंतजार कराया गया लेकिन उन्हें रेमडेसिविर दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

यह भी पढ़ेंः दूसरे देशों को वैक्सीन देने पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जताई आपत्ति, केंद्र पर साधा निशाना

इसी तरह रिम्स में अपनी मां के लिए रेमडेसिविर दवा को लेकर पिछले एक सप्ताह से भटक रहे परिजन रणधीर रजक बताते हैं कि हर जगह गुहार लगाने के बाद भी दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

अब सवाल यह है कि जीवन रक्षक दवाओं में जो भी इंतजाम किये गए हैं वह पूरे राज्य एवं राज्यवासियों के लिए नाकाफी हैं इसीलिए जरूरी है कि राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग इन दवाओं का ठोस इंतजाम करे ताकि राज्य में मर रहे लोगों की जान बच सके.

इन दवाओं की मार्केट में घोर कमी

  • डॉक्सीसाइक्लोविन 100 mg
  • एजिथ्रोमाइसिन
  • पैरासिटामोल
  • विटामिन सी जिंक
  • पेंटोप्राजोल

रांची: झारखंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होती जा रही है. संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड तो नहीं मिल रहा है साथ ही साथ इलाज के लिए महत्वपूर्ण दवा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. कोरोना में उपयोग होने वाली जीवन रक्षक दवाएं जैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन, डॉक्सीसाइक्लोविन, एजिथ्रोमाइसिन, पैरासिटामोल दवाएं बाजारों में उपलब्ध नहीं हैं.

देखें पूरी खबर.

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रेमडेसिविर के लिए लोग अस्पतालों में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों के पास भी उम्मीद लगाकर पहुंच रहे हैं और घंटों इंतजार करने के बाद अधिकारी से आम लोगों की मुलाकात नहीं हो पा रही है.

रेमडेसिविर न रहने के कारण अधिकारी भी जरूरतमंद लोगों से भी मिलने से परहेज कर रहे हैं. रेमडेसिविर की कमी को लेकर राज्य औषधि निदेशक रितु सहाय बताती हैं कि जिस तरह से राज्य में रेमडेसिविर और अन्य कोविड दवाओं की मांग बढ़ रही है उस हिसाब से केंद्र सरकार और निर्माता कंपनियों द्वारा आपूर्ति नहीं हो रही है.

झारखंड में दवाओं की शॉर्टेज

इसीलिए दवाओं की कमी से लोगों को जूझना पड़ रहा है. रितु सहाय बताती हैं कि रेमडेसिविर जिन कंपनियों द्वारा निर्माण किया जाता है वह कंपनी झारखंड से काफी दूर हैं. इसके अलावा पूरे देश में रेमडेसिविर और कोविड 19 की अन्य दवाओं की मांग व्यापक स्तर पर बढ़ गई है जिस वजह से झारखंड में दवाओं की शॉर्टेज है.

रेमडेसिविर के लिए पिछले कई दिनों से भटक रहे राजेश कुमार अस्पताल का चक्कर काटते-काटते स्वास्थ्य मुख्यालय तक पहुंच गए, लेकिन वहां पर अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला द्वारा घंटों इंतजार कराया गया लेकिन उन्हें रेमडेसिविर दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

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इसी तरह रिम्स में अपनी मां के लिए रेमडेसिविर दवा को लेकर पिछले एक सप्ताह से भटक रहे परिजन रणधीर रजक बताते हैं कि हर जगह गुहार लगाने के बाद भी दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

अब सवाल यह है कि जीवन रक्षक दवाओं में जो भी इंतजाम किये गए हैं वह पूरे राज्य एवं राज्यवासियों के लिए नाकाफी हैं इसीलिए जरूरी है कि राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग इन दवाओं का ठोस इंतजाम करे ताकि राज्य में मर रहे लोगों की जान बच सके.

इन दवाओं की मार्केट में घोर कमी

  • डॉक्सीसाइक्लोविन 100 mg
  • एजिथ्रोमाइसिन
  • पैरासिटामोल
  • विटामिन सी जिंक
  • पेंटोप्राजोल
Last Updated : Apr 20, 2021, 8:52 PM IST
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