रांची: बुधवार को सरला बिरला विश्वविद्यालय IIT रांची और झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है, जो कि 20 अप्रैल तक चलेगा. मुख्य अतिथि के रूप में टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वीसी शामिल हुए.
इसे भी पढ़ें- मैट्रिक-इंटर की परीक्षा स्थगित करने की उठी मांग, अभिभावक संघ और NSUI ने सरकार और जैक से की अपील
बतौर मुख्य अतिथि झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार मिश्रा ने शिक्षक प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में शिक्षकों को अत्याधुनिक ज्ञान और तकनीक से सुसज्जित रहने की आवश्यकता है. शिक्षकों के जरिए ही अच्छे नागरिक और राष्ट्र का पुनर्निर्माण किया जा सकता है. उन्होंने शिक्षकों को तकनीकी के साथ-साथ मूल्य आधारित शिक्षा की ओर बढ़ने की अपील की. शिक्षक का कार्य रोजगार नहीं, बल्कि ये राष्ट्र सेवा है. एक कुशल शिक्षक हर परिस्थिति में बेहतर करता है. एक आदर्श जीवन जीता है, जिससे आदर्श नागरिक के साथ-साथ उत्तम समाज का निर्माण होता है. उन्होंने ये भी कहा कि एक शिक्षक को नॉलेज को स्किल में बदलने की कला आनी चाहिए.
विशिष्ट अतिथि के रुप में IETE रांची के निदेशक प्रो डॉ के के ठाकुर ने सरला बिरला विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया के अंदर चलने वाले इंफॉर्मेशन को नॉलेज में चेंज की कला शिक्षकों के पास होती है. शिक्षक सदैव प्राचीन ज्ञान और नवीन ज्ञान का समन्वय करता है, जिससे वैश्विक आवश्यकता के अनुकूल ज्ञानयुक्त योग्य नागरिक का निर्माण हो सके. कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रो. डॉ. विजय कुमार सिंह ने एक सफल शिक्षक के सभी आवश्यक गुणों की व्याख्या की. उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के अंदर प्रलय और विनाश दोनों प्रकार की परिस्थितियों को उत्पन्न करने की क्षमता होती है.
इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर में हर साल रेल पटरियों पर होती है 100 से ज्यादा मौतें, ज्यादातर लोग तनाव में आकर दे देते हैं जान
कुलपति गोपाल पाठक ने की अध्यक्षता
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. गोपाल पाठक ने कहा कि शिक्षक को नित्य प्रति नवीन ज्ञान को ग्रहण करना चाहिए और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर भावी पीढ़ी में स्थांतरित भी करना चाहिए. एक बेहतर शिक्षक आदर्श आचरण वाला होता है. शिक्षक के आचरण और उसके कार्य व्यवहार का प्रत्यक्ष प्रभाव उनके छात्रों पर अवश्य पड़ता है.
20 अप्रैल तक चलेगा कार्यक्रम
7 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 15 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह का व्याख्यान होगा. 16 अप्रैल को IIT रांची के निदेशक प्रो. डॉक्टर विष्णु प्रिये का व्याख्यान होगा. वहीं 17 अप्रैल को BIT सिंदरी के निदेशक प्रो. डॉक्टर डी के सिंह और 19 अप्रैल को जर्मनी के प्रोफेसर तारकेश् डोरा पी के व्याख्यान होंगे. 20 अप्रैल को विधिवत समापन सत्र आयोजित किया जाएगा.