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Security System Of Ranchi RIMS: रिम्स की सुरक्षा की कमान अब होमगार्ड जवानों के हाथ, हटाये गए 278 निजी सुरक्षाकर्मी और ट्रॉली मैन

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Published : Feb 1, 2023, 6:15 PM IST

रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था की कमान अब होमगार्ड के जवानों के हाथों मे आ गई है. वहीं 278 निजी सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया है. इस कारण निजी सुरक्षा गार्डों ने हल्का प्रतिरोध भी किया, लेकिन कार्रवाई की बात कहने के बाद भारी मन से लौट गए. वहीं पहले दिन नई व्यवस्था में मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

Security Of RIMS In Hands Of Home Guard Jawan
ड्यूटी पर तैनात जवान

रांचीः राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) में वर्षों से सेवा दे रहे निजी सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया है. सेवा से हटाए गए 278 निजी सुरक्षा गार्ड की जगह तात्कालिक रूप से 150 होमगार्ड्स के जवानों को रिम्स की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है. जिसे आने वाले दिनों में बढ़ाकर 300 के करीब करने की योजना है. वहीं निजी सुरक्षा कर्मियों को हटाए जाने से पहले दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

ये भी पढे़ं-खौफ के साये में रहते हैं रिम्स के डॉक्टर्स! जानें क्या है वजह

उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर रिम्स प्रबंधन ने हटाया निजी सुरक्षा कर्मियों को: रिम्स प्रबंधन ने रिट पिटिशन (पीआईएल) 3009/2018 की सुनवाई के बाद झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर निजी सुरक्षा गार्डों की जगह बुधवार से होम गार्ड्स के जवानों को तैनात करने की बात कही है. इस संबंध में रिम्स के अधीक्षक डॉ हितेंद्र बिरुआ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में अब सुरक्षा का जिम्मा होमगार्ड के जवान संभालेंगे. बुधवार को अचानक से निजी सुरक्षाकर्मियों की जगह होमगार्ड के जवानों की तैनाती और ट्रॉली मैन के रूप में सेवा दे रहे निजी सुरक्षाकर्मियों के हट जाने से मरीजों और उनके परिजनों को हो रही समस्या पर उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि बुधवार को पहला दिन है. धीरे-धीरे होमगार्ड्स के जवान भी यहां की व्यवस्था को कैसे संभालना है, यह समझ जाएंगे और सभी काम सुचारू हो जाएगा.

निजी गार्डों ने किया हल्का प्रतिरोध, FIR की धमकी के बाद वापस लौटे: बुधवार को अचानक फोर्स के साथ बड़ी संख्या में होमगार्ड्स के रिम्स पहुंचने पर निजी गार्ड्स ने थोड़ा प्रतिरोध किया. बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती और रिम्स अधीक्षक द्वारा एफआईआर कराने की धमकी के बाद प्रतिरोध धीमा पड़ गया और ज्यादातर निजी सुरक्षाकर्मी भरे मन से घर लौट गए. उन्होंने फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि बकाया वेतन दो से तीन दिनों में देने का आश्वासन दिया गया है.

निजी सुरक्षाकर्मियों के नहीं रहने से मरीजों और परिजनों को हुई परेशानी: रिम्स में निजी एजेंसी के द्वारा सेवा देने वाले गार्ड्स में कई ऐसे थे जो 12-15 वर्षो से रिम्स में सुरक्षा के अलावा पूछताछ, ट्रॉली मैन, ओपीडी में कई तरह से मरीजों और उनके परिजनों को सहयोग कर रहे थे, लेकिन बुधवार को उनके नहीं रहने से रिम्स में मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा. जो होमगार्ड्स के 150 जवान अभी रिम्स में तैनात हुए हैं वह यहां के लिए बिल्कुल नए हैं. ऐसे में अगले कुछ दिनों तक लोगों को परेशानी होगी, इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. रिम्स में अब सुरक्षा पूरी तरह सरकारी हो गई है. पहले से ही निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ सर्विसेस से रिटायर्ड जवान सैप जवान के रूप में रिम्स में कई जगहों पर तैनात थे. अब निजी सुरक्षाकर्मियों को भी हटाकर वहां होमगार्ड्स के जवान तैनात कर दिए गए हैं. अब देखना होगा कि इस बदलाव का क्या असर आनेवाले दिनों में रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ता है. तात्कालिक रूप से तो निजी गार्ड के हटने से आमलोगों की परेशानी बढ़ी है.

रांचीः राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) में वर्षों से सेवा दे रहे निजी सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया है. सेवा से हटाए गए 278 निजी सुरक्षा गार्ड की जगह तात्कालिक रूप से 150 होमगार्ड्स के जवानों को रिम्स की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है. जिसे आने वाले दिनों में बढ़ाकर 300 के करीब करने की योजना है. वहीं निजी सुरक्षा कर्मियों को हटाए जाने से पहले दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

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उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर रिम्स प्रबंधन ने हटाया निजी सुरक्षा कर्मियों को: रिम्स प्रबंधन ने रिट पिटिशन (पीआईएल) 3009/2018 की सुनवाई के बाद झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर निजी सुरक्षा गार्डों की जगह बुधवार से होम गार्ड्स के जवानों को तैनात करने की बात कही है. इस संबंध में रिम्स के अधीक्षक डॉ हितेंद्र बिरुआ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में अब सुरक्षा का जिम्मा होमगार्ड के जवान संभालेंगे. बुधवार को अचानक से निजी सुरक्षाकर्मियों की जगह होमगार्ड के जवानों की तैनाती और ट्रॉली मैन के रूप में सेवा दे रहे निजी सुरक्षाकर्मियों के हट जाने से मरीजों और उनके परिजनों को हो रही समस्या पर उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि बुधवार को पहला दिन है. धीरे-धीरे होमगार्ड्स के जवान भी यहां की व्यवस्था को कैसे संभालना है, यह समझ जाएंगे और सभी काम सुचारू हो जाएगा.

निजी गार्डों ने किया हल्का प्रतिरोध, FIR की धमकी के बाद वापस लौटे: बुधवार को अचानक फोर्स के साथ बड़ी संख्या में होमगार्ड्स के रिम्स पहुंचने पर निजी गार्ड्स ने थोड़ा प्रतिरोध किया. बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती और रिम्स अधीक्षक द्वारा एफआईआर कराने की धमकी के बाद प्रतिरोध धीमा पड़ गया और ज्यादातर निजी सुरक्षाकर्मी भरे मन से घर लौट गए. उन्होंने फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि बकाया वेतन दो से तीन दिनों में देने का आश्वासन दिया गया है.

निजी सुरक्षाकर्मियों के नहीं रहने से मरीजों और परिजनों को हुई परेशानी: रिम्स में निजी एजेंसी के द्वारा सेवा देने वाले गार्ड्स में कई ऐसे थे जो 12-15 वर्षो से रिम्स में सुरक्षा के अलावा पूछताछ, ट्रॉली मैन, ओपीडी में कई तरह से मरीजों और उनके परिजनों को सहयोग कर रहे थे, लेकिन बुधवार को उनके नहीं रहने से रिम्स में मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा. जो होमगार्ड्स के 150 जवान अभी रिम्स में तैनात हुए हैं वह यहां के लिए बिल्कुल नए हैं. ऐसे में अगले कुछ दिनों तक लोगों को परेशानी होगी, इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. रिम्स में अब सुरक्षा पूरी तरह सरकारी हो गई है. पहले से ही निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ सर्विसेस से रिटायर्ड जवान सैप जवान के रूप में रिम्स में कई जगहों पर तैनात थे. अब निजी सुरक्षाकर्मियों को भी हटाकर वहां होमगार्ड्स के जवान तैनात कर दिए गए हैं. अब देखना होगा कि इस बदलाव का क्या असर आनेवाले दिनों में रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ता है. तात्कालिक रूप से तो निजी गार्ड के हटने से आमलोगों की परेशानी बढ़ी है.

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