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शिक्षा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव, 21 सितंबर से खुल सकते हैं नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल

कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा विभाग की तरफ से एक प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसके तहत 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोला जा सकता है. वहीं इस प्रस्ताव को लेकर शिक्षा विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है.

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शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया
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Published : Sep 4, 2020, 9:52 AM IST

रांची: स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव के तहत कहा गया है कि प्रथम चरण में राज्य के नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं. हालांकि बिना अभिभावकों की इजाजत के छात्र स्कूल नहीं आएंगे. एक सहमति पत्र के साथ बच्चे स्कूल पहुंच सकेंगे.

शिक्षा विभाग का प्रस्ताव
मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोले जाएंगे. प्रत्येक दिन विभाग की तरफ से निर्देश के तहत ही शिक्षक भी स्कूल पहुंचेंगे, हालांकि इसे लेकर फिलहाल एक प्रस्ताव तैयार किया गया है और इस प्रस्ताव को आपदा प्रबंधन विभाग को भेजे जाने की तैयारी है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से हरी झंडी मिलते ही 21 सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं.

यह होगा तरीका

अनलॉक 4 के तहत केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के छात्रों को शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए स्कूल खोलने का निर्देश दिया था, हालांकि इस निर्देश में कोविड-19 गाइडलाइन का पूरा ख्याल रखने के साथ ही बच्चों के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने को लेकर भी विशेष गाइडलाइन है. 50 फीसदी शिक्षक ही स्कूल आएंगे और विषय वार शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे. अलग-अलग विषय के अलग-अलग शिक्षक अलग-अलग दिन आएंगे और उसी के आधार पर विद्यार्थियों को भी पहले चरण में स्कूल बुलाया जाएगा.फिलहाल इस प्रस्ताव को लेकर शिक्षा विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श भी कर रही है. मुख्यमंत्री के अलावा शिक्षा मंत्री के हरी झंडी मिलने के बाद ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें-रांचीः शिक्षकों के सम्मान के लिए 4 सितंबर को जलाई जाएगी मोमबत्ती


मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में 40 फीसदी कटौती
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत तक की कटौती भी की जा सकती है. शिक्षकों की टीम ने विषय वार पाठ्यक्रम छोटा करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दे दिया है. 42 शिक्षकों की टीम को 11वीं 12वीं के सिलेबस में कटौती करने को लेकर जिम्मेदारी दी गई थी और इसी के आधार पर पाठ्यक्रम छोटा करने को लेकर लगातार विचार-विमर्श चल रहा है. इधर जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने गुरुवार को ही राज्य के पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को हरी झंडी दे दी है. इस नियमावली में पारा शिक्षकों के सेवा स्थायीकरण और और वेतनमान समतुल्य देने का प्रावधान किया गया है. इस नियमावली के तहत पारा शिक्षक अब 60 वर्ष की उम्र तक सेवा देंगे उन्हें 5200 से 20,000 तक का वेतनमान भी दिया जाएगा. हालांकि इस फैसले पर अभी भी कई पेंच है. विधि विभाग की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही इस नियमावली में पूरी तरह मुहर लगेगी.


स्थानीय कलाकारों की मदद करेगी राज्य सरकार
वहीं राज्य सरकार के कला संस्कृति विभाग की ओर से राज्य के स्थानीय कलाकारों के लिए एक योजना भी बनाई जा रही है. कोरोना काल की तंगी से जूझ रहे स्थानीय कलाकारों के लिए सरकार की ओर से मदद पहुंचाई जाएगी. कलाकारों को चिन्हित कर एक एक हजार की आर्थिक मदद दिए जाने की योजना है. योजनाबद्ध तरीके से कलाकारों को चिन्हित कर ये राशि दी जाएगी. वित्त विभाग से इस मामले को लेकर सुझाव भी मांगा गया है. पहली प्राथमिकता झारखंड के लोक कलाकार होंगे. कलाकारों को फॉर्मेट के आधार पर पूरी जानकारी देनी होगी. उसके बाद इन्हें राशि मुहैया कराया जाएगा.

रांची: स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव के तहत कहा गया है कि प्रथम चरण में राज्य के नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं. हालांकि बिना अभिभावकों की इजाजत के छात्र स्कूल नहीं आएंगे. एक सहमति पत्र के साथ बच्चे स्कूल पहुंच सकेंगे.

शिक्षा विभाग का प्रस्ताव
मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोले जाएंगे. प्रत्येक दिन विभाग की तरफ से निर्देश के तहत ही शिक्षक भी स्कूल पहुंचेंगे, हालांकि इसे लेकर फिलहाल एक प्रस्ताव तैयार किया गया है और इस प्रस्ताव को आपदा प्रबंधन विभाग को भेजे जाने की तैयारी है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से हरी झंडी मिलते ही 21 सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं.

यह होगा तरीका

अनलॉक 4 के तहत केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के छात्रों को शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए स्कूल खोलने का निर्देश दिया था, हालांकि इस निर्देश में कोविड-19 गाइडलाइन का पूरा ख्याल रखने के साथ ही बच्चों के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने को लेकर भी विशेष गाइडलाइन है. 50 फीसदी शिक्षक ही स्कूल आएंगे और विषय वार शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे. अलग-अलग विषय के अलग-अलग शिक्षक अलग-अलग दिन आएंगे और उसी के आधार पर विद्यार्थियों को भी पहले चरण में स्कूल बुलाया जाएगा.फिलहाल इस प्रस्ताव को लेकर शिक्षा विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श भी कर रही है. मुख्यमंत्री के अलावा शिक्षा मंत्री के हरी झंडी मिलने के बाद ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है.

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मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में 40 फीसदी कटौती
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत तक की कटौती भी की जा सकती है. शिक्षकों की टीम ने विषय वार पाठ्यक्रम छोटा करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दे दिया है. 42 शिक्षकों की टीम को 11वीं 12वीं के सिलेबस में कटौती करने को लेकर जिम्मेदारी दी गई थी और इसी के आधार पर पाठ्यक्रम छोटा करने को लेकर लगातार विचार-विमर्श चल रहा है. इधर जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने गुरुवार को ही राज्य के पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को हरी झंडी दे दी है. इस नियमावली में पारा शिक्षकों के सेवा स्थायीकरण और और वेतनमान समतुल्य देने का प्रावधान किया गया है. इस नियमावली के तहत पारा शिक्षक अब 60 वर्ष की उम्र तक सेवा देंगे उन्हें 5200 से 20,000 तक का वेतनमान भी दिया जाएगा. हालांकि इस फैसले पर अभी भी कई पेंच है. विधि विभाग की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही इस नियमावली में पूरी तरह मुहर लगेगी.


स्थानीय कलाकारों की मदद करेगी राज्य सरकार
वहीं राज्य सरकार के कला संस्कृति विभाग की ओर से राज्य के स्थानीय कलाकारों के लिए एक योजना भी बनाई जा रही है. कोरोना काल की तंगी से जूझ रहे स्थानीय कलाकारों के लिए सरकार की ओर से मदद पहुंचाई जाएगी. कलाकारों को चिन्हित कर एक एक हजार की आर्थिक मदद दिए जाने की योजना है. योजनाबद्ध तरीके से कलाकारों को चिन्हित कर ये राशि दी जाएगी. वित्त विभाग से इस मामले को लेकर सुझाव भी मांगा गया है. पहली प्राथमिकता झारखंड के लोक कलाकार होंगे. कलाकारों को फॉर्मेट के आधार पर पूरी जानकारी देनी होगी. उसके बाद इन्हें राशि मुहैया कराया जाएगा.

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