रांची: चीन के बाद अब भारत में भी एचएमपीवी वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है. 06 जनवरी 2025 को भारत में एचएमपीवी का पहला कंफर्म मामले मिलने के बाद से अब तक संक्रमितों की संख्या डबल डिजिट में पहुंच गई है. राहत की बात यह है कि झारखंड राज्य में अभी तक एचएमपीवी वायरस से संक्रमण का एक भी कंफर्म केस नहीं मिला है.
रांची सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार
हालांकि देश में एचएमपीवी के संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली गई है. राजधानी रांची के सदर अस्पताल में 28 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाकर तैयार है. वहीं रिम्स में संदिग्ध संक्रमितों की जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
लोगों को सावधानी बरतने की जरूरतः डॉ. बिमलेश
इस संबंध में रांची सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में 03-03 पल्मोनोलॉजिस्ट, 28 बेड का रिजर्व आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, पीएसए प्लांट सभी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. डॉ. बिमलेश सिंह ने बताया कि कोविड-19 के दौरान जो भी सावधानियां हम बरतते थे, उसी तरह की सावधानी अभी भी बरतना चाहिए.
एचएमपी वायरस के ये हैं लक्षण
इंटरनल मेडिसीन के चिकित्सक डॉ. हरीश चंद्र कहते हैं कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और इसके लक्षण फ्लू के समान ही होते हैं. डॉ. हरीश चंद्र ने बताया कि एचएमपीवी वायरस से ग्रसित व्यक्ति में सर्दी-खांसी, बुखार, शरीर में दर्द जैसे लक्षण देखे जाते हैं. उन्होंने बताया कि यह एक रेस्पीरेट्री वायरस है, जो सांस से एक से दूसरे को फैलता है. उन्होंने कहा कि 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों के साथ-साथ सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए यह वायरस घातक हो सकता है.
रिम्स में जांच किट उपलब्ध
रिम्स माइक्रोबायलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि एचएमपीवी वायरस के संक्रमण की जांच के लिए आरटीपीसीआर किट उपलब्ध हो गई है, लेकिन अभी तक कहीं से भी संदिग्ध मरीज का कोई सैंपल नहीं आया है.
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