रांची: केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 31 जनवरी को केंद्रीय सरना समिति ने रेल रोड चक्का जाम करने का आवाहन किया है. इसको लेकर केंद्रीय सरना समिति के प्रतिनिधिमंडल ने अनगड़ा और सिल्ली प्रखंड का दौरा किया. केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार ने आदिवासियों को उनका मौलिक अधिकार नहीं दिया है, आदिवासी वर्षों से सरना कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं, झारखंड सरकार ने भी बिना राज्यपाल के सहमति के सरना आदिवासी कोड केंद्र सरकार को भेज दिया, केंद्र और राज्य सरकार आदिवासियों को ठगने का काम कर रही है.
फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी 2021 के जनगणना में सरना धर्म कोड के साथ शामिल होना चाहते हैं, केंद्र सरकार आदिवासियों को उनका संवैधानिक अधिकार देना नहीं चाहती है, केंद्रीय सरना समिति अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी सेंगेल अभियान के संयुक्त तत्वाधान में 31 जनवरी को चक्का जाम किया जाएगा. अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार आदिवासियों को छलने का काम कर रही है, आदिवासी को हिंदू और कुर्मी, तेली, हिंदू को आदिवासी बनाया जा रहा है, आदिवासी समाज के लोग सरना कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं झारखंड सरकार हिंदू कुर्मी को आदिवासी बनाने में लगी है.
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केंद्रीय सरना समिति करेगी आंदोलन
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि जानबूझकर सरकार आदिवासी को लड़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार कुर्मी को एसटी के दर्जा में शामिल करने का प्रयास करती है, तो केंद्रीय सरना समिति जोरदार आंदोलन करेगी. इस मौके पर केन्द्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा, महासचिव संजय तिर्की, केंद्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, समाजसेवी गंगा घाट, अनूप उरांव, अनगड़ा प्रखंड बोगईं बेड़ा ग्राम प्रधान सोमरा उरांव, जोन्हा पंचायत जरा टोली के ग्राम प्रधान रिझुआ मुंडा, जगदीश मुंडा, बिरसा मुंडा पूर्व वार्ड पार्षद ग्राम जीदु, कृष्णा मुंडा पूर्व मुखिया जोन्हा पंचायत, शालिग्राम मुंडा राजा डेरा, साधो उरांव, हरिदयाल मुंडा और अन्य शामिल थे.