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पूरे राज्य में धूमधाम से मना प्रकृति पर्व सरहुल, शोभायात्रा में शामिल हुए लाखों लोग - झारखंड न्यूज

सरहुल का पर्व पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया गया. सभी जिलों में शोभायात्रा निकाल प्रकृति की पूजा की गई. आदिवासी समुदाय के लोगों ने पांरपरिक वस्त्रों पहन कर शोभायात्रा में शामिल हुए.

पूरे राज्य में धूमधाम से मना प्रकृति पर्व सरहुल
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Published : Apr 8, 2019, 9:49 PM IST

रांचीः प्रकृति का पर्व सरहुल पूरे राज्य में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. सरहुल आदिवासियों का नववर्ष है. जहां कान में सखुआ का फूल, मांदर की थाप पर थिरकाते पैर, पारंपरिक वेशभूषा में नाचते आदिवासी युवक युवतियां, लाखों की तादाद में राजधानी के सड़कों पर उमड़े. क्या आम और क्या खास सब पर सरहुल का रंग चढ़ा था.

पूरे राज्य में धूमधाम से मना प्रकृति पर्व सरहुल

आदिवासी समुदाय के नववर्ष उत्साह के रूप में प्राकृतिक पर्व सरहुल की शोभायात्रा आज कई क्षेत्रों से होकर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची. लाखों की तादाद में आदिवासी समाज के लोग रांची के कई क्षेत्रों से सिरम टोली स्थित सरना स्थल का रुख करते दिखे. पारंपरिक वेशभूषा और नृत्य संगीत के साथ सभी लोग यात्रा में शामिल हुए.

पूरे राज्य में धूमधाम से मना प्रकृति पर्व सरहुल

वहीं, सरहुल की शोभायात्रा देश प्रेम की भी झलक देखने को मिली. झांकी में दीपाटोली बंधगाड़ी ने भारतीय वायु सेना के पराक्रम को झांकी के जरिए दिखाया. तो वही लोकसभा चुनाव को लेकर झांकी के माध्यम से लोकतंत्र को बचाने का संदेश दिया गया. झांकी में देश से जुड़े बातों का उल्लेख किया गया. प्राकृतिक पर्व सरहुल की अनोखी छटा रांची के सड़कों पर देखने को मिली. जब लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के युवक युवतियों ने मंदार की थाप में सड़कों पर थिरकाते दिखे.

चाईबासा में प्रकृति पर्व पर लोगों के साथ थिरकी गीता कोड़ा

सरहुल उरांव समाज ने अपने परंपरा के अनुरूप धूमधाम से मनाया. मेरी टोला उरांव समाज पूजा समिति ने शोभा यात्रा का आयोजन किया. इस शोभायात्रा में बतौर मुख्य अतिथि दीपक बिरूवा, विशिष्ट अतिथि गीता कोड़ा, राजकुमार साह उपस्थित रहे. गीता कोड़ा ने सभी के साथ पारंपरिक नृत्य किया.

ये भी पढ़ें- सरहुल पूजा विधि-विधान के साथ संपन्न, पाहन ने कहा- इस बार होगी अच्छी बारिश

चतरा में सरहुल की धूम

चतरा में आदिवासी समुदाय के लोगों ने सरहुल पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया. प्रकृति के स्वागत में पांच मुर्गों की बलि दी गई. पूजा के बाद शहर में शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में वाहनों में पेड़ पौधे की डालियों को रखकर उसे आकर्षक ढंग से सजाया गया. शोभा यात्रा के दौरान धर्मावलंबियों के सुरक्षा को लेकर व्यापक पैमाने पर शहर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई.

गढ़वा में दिखा रंग

गढ़वा में भी वनवासियों का बड़ा एवं महत्वपूर्ण पर्व सरहुल पूरे वनवासी समाज को गुदगुदा गया. महोत्सव में वनवासी महिला, पुरुष, युवा और बच्चे खुशियों में विभोर हो गया. अन्य समाज के लोग भी मानर की थाप पर झूम उठे.

रांचीः प्रकृति का पर्व सरहुल पूरे राज्य में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. सरहुल आदिवासियों का नववर्ष है. जहां कान में सखुआ का फूल, मांदर की थाप पर थिरकाते पैर, पारंपरिक वेशभूषा में नाचते आदिवासी युवक युवतियां, लाखों की तादाद में राजधानी के सड़कों पर उमड़े. क्या आम और क्या खास सब पर सरहुल का रंग चढ़ा था.

पूरे राज्य में धूमधाम से मना प्रकृति पर्व सरहुल

आदिवासी समुदाय के नववर्ष उत्साह के रूप में प्राकृतिक पर्व सरहुल की शोभायात्रा आज कई क्षेत्रों से होकर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची. लाखों की तादाद में आदिवासी समाज के लोग रांची के कई क्षेत्रों से सिरम टोली स्थित सरना स्थल का रुख करते दिखे. पारंपरिक वेशभूषा और नृत्य संगीत के साथ सभी लोग यात्रा में शामिल हुए.

पूरे राज्य में धूमधाम से मना प्रकृति पर्व सरहुल

वहीं, सरहुल की शोभायात्रा देश प्रेम की भी झलक देखने को मिली. झांकी में दीपाटोली बंधगाड़ी ने भारतीय वायु सेना के पराक्रम को झांकी के जरिए दिखाया. तो वही लोकसभा चुनाव को लेकर झांकी के माध्यम से लोकतंत्र को बचाने का संदेश दिया गया. झांकी में देश से जुड़े बातों का उल्लेख किया गया. प्राकृतिक पर्व सरहुल की अनोखी छटा रांची के सड़कों पर देखने को मिली. जब लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के युवक युवतियों ने मंदार की थाप में सड़कों पर थिरकाते दिखे.

चाईबासा में प्रकृति पर्व पर लोगों के साथ थिरकी गीता कोड़ा

सरहुल उरांव समाज ने अपने परंपरा के अनुरूप धूमधाम से मनाया. मेरी टोला उरांव समाज पूजा समिति ने शोभा यात्रा का आयोजन किया. इस शोभायात्रा में बतौर मुख्य अतिथि दीपक बिरूवा, विशिष्ट अतिथि गीता कोड़ा, राजकुमार साह उपस्थित रहे. गीता कोड़ा ने सभी के साथ पारंपरिक नृत्य किया.

ये भी पढ़ें- सरहुल पूजा विधि-विधान के साथ संपन्न, पाहन ने कहा- इस बार होगी अच्छी बारिश

चतरा में सरहुल की धूम

चतरा में आदिवासी समुदाय के लोगों ने सरहुल पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया. प्रकृति के स्वागत में पांच मुर्गों की बलि दी गई. पूजा के बाद शहर में शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में वाहनों में पेड़ पौधे की डालियों को रखकर उसे आकर्षक ढंग से सजाया गया. शोभा यात्रा के दौरान धर्मावलंबियों के सुरक्षा को लेकर व्यापक पैमाने पर शहर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई.

गढ़वा में दिखा रंग

गढ़वा में भी वनवासियों का बड़ा एवं महत्वपूर्ण पर्व सरहुल पूरे वनवासी समाज को गुदगुदा गया. महोत्सव में वनवासी महिला, पुरुष, युवा और बच्चे खुशियों में विभोर हो गया. अन्य समाज के लोग भी मानर की थाप पर झूम उठे.

Intro:रांची
बाइट---बबलू मुंडा कार्यकारी अध्यक्ष केंद्रीय सरना समिति

प्राकृतिक पर्व सरहुल आदिवासी के नव वर्ष का, कान में सखुआ का फूल, मांदर की थाप पर थिरकाते पैर, पारंपरिक वेशभूषा में नाचते आदिवासी युवक युवतियां, लाखों की तादाद में आज राजधानी के सड़कों पर उमड़े ,मौका प्राकृतिक पर्व सरहुल का है। क्या आम और क्या खास। बस प्राकृतिक रंग में डूब जाना है सरना धर्म लंबी आज पूरे उत्साह के साथ सरहुल के रंग में रंगा हुआ दिखा।


Body:आदिवासी समुदाय के नव वर्ष उत्साह के रूप में प्राकृतिक पर्व सरहुल की शोभायात्रा आज विभिन्न क्षेत्र से होकर अल्बर्ट एक्का चौक पहुचा।लाखो के तादाद में आदिवासी समाज के लोग रांची के विभिन्न क्षेत्र से सिरम टोली स्थित सरना स्थल का रुख करते दिखे। पारंपरिक वेशभूषा और नृत्य संगीत के साथ सभी लोग यात्रा में शामिल हुए। महिला पुरुष से लेकर हर कोई सारहुल के रंग में रंगते दिख रहे है ।


Conclusion:वहीं प्राकृतिक पर्व सरहुल शोभायात्रा इस बार देश प्रेम काफी झलक देखने को मिला झांकी में दीपाटोली बंधगाड़ी के द्वारा भारतीय वायु सेना के पराक्रम को झाँकी के माध्यम से दिखाया गया। तो वही लोकसभा चुनाव को लेकर झाँकी के माध्यम से लोकतंत्र को बचाने का संदेश दिया गया। झांकी में देश से से जुड़े बातों का उल्लेख किया गया।प्राकृतिक पर्व सरहुल की अनोखी छटा रांची के सड़कों पर देखने को मिला। जब लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के युवक युवतियों मंदार के थाप में सड़कों पर थिरकाते दिखे
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