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ईडी ने लिखा साहिबगंज एसपी को पत्र, कहा- पंकज मिश्रा और विष्णु यादव पर करें कार्रवाई

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Published : Apr 7, 2023, 10:01 PM IST

ईडी की दबिश के बावजूद झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध खनन लगातार जारी है. खनन माफिया के मंसूबे इतने बढ़े हुए हैं कि जिन खदानों पर ईडी की नजर थी वहां भी अवैध खनन कर डाला. वह भी सिर्फ अपने आका पंकज मिश्रा के इशारों पर. अब ईडी ने साहिबगंज एसपी को अवैध खनन को लेकर कर्रवाई के साथ एफआईआर करने के लिए पत्र लिखा है.

रांची ईडी कार्यालय
रांची ईडी कार्यालय

रांची: झारखंड के साहिबगंज जिले में 1000 करोड़ के अवैध खनन में नई कड़ियां जुड़ने लगी हैं. साहिबगंज के नींबू पहाड़ी में अवैध खनन के मामले में साहिबगंज के सदर थाना में दर्ज केस में ईडी की ईसीआईआर के बाद नए सिरे से मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनके सहयोगी विष्णु यादव उर्फ छोटू यादव पर ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें- Ranchi News: जेल में रहने के बावजूद कम नहीं हुआ पंकज मिश्रा का रसूख, साहिबगंज में अवैध खनन को कर रहा जेल से ही हैंडल

रांची जेल में रहते हुए पंकज मिश्रा के द्वारा अवैध खनन कराने के मामले में ईडी ने साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को पत्र लिखा है. पत्र में ईडी ने लिखा है कि पांच अप्रैल को एजेंसी के द्वारा किये गए जांच में नींबू पहाड़ी समेत कई जगहों पर अवैध खनन के साक्ष्य पाए गए हैं. ऐसे में एक दिसंबर 2022 को दर्ज केस के अनुसंधान में इन तथ्यों को शामिल करें, साथ ही जरूरी कानूनी कार्रवाई करें. दिसंबर 2022 में विजय हांसदा के बयान पर नीबू पहाड़ी में अवैध खनन का केस दर्ज किया गया था. इस केस में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवितर यादव, बच्चा यादव आरोपी हैं.

क्या मिला था ईडी के जांच में: ईडी ने 25 से 29 जुलाई 2022 को साहिबगंज में अवैध माइंस का सर्वे किया था. उसके बाद सभी माइंस को बंद करवा दिया गया था. दोबारा पांच इसी महीने यानी अप्रैल को ईडी की टीम ने उन्हीं साइट्स का सर्वे किया, जिसमें अवैध खनन को चिन्हित किया गया था. सर्वे में नहीं आ पाया है कि उन खदानों में लगातार अवैध काम चलता रहा. ऐसे में ईडी ने साहिबगंज एसपी को भेजे पत्र में लिखा है कि अवैध माइनिंग एरिया में नए सिरे से खनन हुआ है. सर्वे टीम में शामिल अधिकारियों और टीम के सदस्यों ने पाया है कि आठ महीनों में अवैध खनन साइट पर भारी बदलाव आया है.

निरीक्षण के क्रम में ड्रोन से ली गई तस्वीरों में कई फ्रेश गड्ढे मिले, जिसमें डायनामाइट प्लांट किया हुआ था, ताकि पत्थर तोड़े जा सकें. साथ ही कच्चे रास्तों व साइट पर गाड़ियों, जेसीबी व दूसरी मशीनों के निशान मिले हैं. जो वाहनों के पहिए के निशान यहां काफी स्पष्ट हैं. इसके साथ ही फ्रेश पोकलेन, एक्सावेटर, अर्थमूवर्स के इस्तेमाल के साक्ष्य भी मिले हैं. इसके साथ ही स्थानीय लोगों से ईडी की टीम ने जब पूछताछ की, तब यह बात सामने आयी है कि इलाके में अवैध खनन का अधिकांश काम, ब्लास्टिंग व परिवहन रात में किया जाता था.

रांची: झारखंड के साहिबगंज जिले में 1000 करोड़ के अवैध खनन में नई कड़ियां जुड़ने लगी हैं. साहिबगंज के नींबू पहाड़ी में अवैध खनन के मामले में साहिबगंज के सदर थाना में दर्ज केस में ईडी की ईसीआईआर के बाद नए सिरे से मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनके सहयोगी विष्णु यादव उर्फ छोटू यादव पर ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

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रांची जेल में रहते हुए पंकज मिश्रा के द्वारा अवैध खनन कराने के मामले में ईडी ने साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को पत्र लिखा है. पत्र में ईडी ने लिखा है कि पांच अप्रैल को एजेंसी के द्वारा किये गए जांच में नींबू पहाड़ी समेत कई जगहों पर अवैध खनन के साक्ष्य पाए गए हैं. ऐसे में एक दिसंबर 2022 को दर्ज केस के अनुसंधान में इन तथ्यों को शामिल करें, साथ ही जरूरी कानूनी कार्रवाई करें. दिसंबर 2022 में विजय हांसदा के बयान पर नीबू पहाड़ी में अवैध खनन का केस दर्ज किया गया था. इस केस में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवितर यादव, बच्चा यादव आरोपी हैं.

क्या मिला था ईडी के जांच में: ईडी ने 25 से 29 जुलाई 2022 को साहिबगंज में अवैध माइंस का सर्वे किया था. उसके बाद सभी माइंस को बंद करवा दिया गया था. दोबारा पांच इसी महीने यानी अप्रैल को ईडी की टीम ने उन्हीं साइट्स का सर्वे किया, जिसमें अवैध खनन को चिन्हित किया गया था. सर्वे में नहीं आ पाया है कि उन खदानों में लगातार अवैध काम चलता रहा. ऐसे में ईडी ने साहिबगंज एसपी को भेजे पत्र में लिखा है कि अवैध माइनिंग एरिया में नए सिरे से खनन हुआ है. सर्वे टीम में शामिल अधिकारियों और टीम के सदस्यों ने पाया है कि आठ महीनों में अवैध खनन साइट पर भारी बदलाव आया है.

निरीक्षण के क्रम में ड्रोन से ली गई तस्वीरों में कई फ्रेश गड्ढे मिले, जिसमें डायनामाइट प्लांट किया हुआ था, ताकि पत्थर तोड़े जा सकें. साथ ही कच्चे रास्तों व साइट पर गाड़ियों, जेसीबी व दूसरी मशीनों के निशान मिले हैं. जो वाहनों के पहिए के निशान यहां काफी स्पष्ट हैं. इसके साथ ही फ्रेश पोकलेन, एक्सावेटर, अर्थमूवर्स के इस्तेमाल के साक्ष्य भी मिले हैं. इसके साथ ही स्थानीय लोगों से ईडी की टीम ने जब पूछताछ की, तब यह बात सामने आयी है कि इलाके में अवैध खनन का अधिकांश काम, ब्लास्टिंग व परिवहन रात में किया जाता था.

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