रांचीः राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के सर्जरी विभाग में पहली बार रोबोट की मदद से गॉल ब्लैडर की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई. बेल्जियम की कंपनी और मेरिल इंडिया द्वारा निर्मित आधुनिक तकनीक की रोबोट HandX की मदद से सर्जरी विभाग की ओर से सफल ऑपरेशन किया गया है.
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बेल्जियम की कंपनी और मेरिल इंडिया कंपनी के प्रशिक्षण हेड प्रो डेविड डगलस ने सर्जरी विभाग के चिकित्सकों को रोबोट की जानकारी दी. प्रशिक्षण हेड ने बताया कि रोबोट भविष्य का तकनीक है और यह ज्यादा सटीक उपकरण है, जिससे आसानी से सफल ऑपरेशन किया जा सकता है.
HandX एक मजबूत, कॉम्पैक्ट और लाइटवेट इलेक्ट्रो मैकेनिकल, नियंत्रित लेप्रोस्कोपिक डिवाइस है, जो आदमी और मशीन का मेल करता है. इसके साथ ही एमआईएस के लिए एडवांस्ड 8 डिग्री ऑफ फ्रीडम प्रदान करता है. सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ सर्जन डॉ शीतल मलुआ ने कहा कि राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस को सर्जरी के क्षेत्र में सरकारी संस्थाओं में सेंटर ओर एक्सीलेंस बनाना है, ताकि राज्य के जरूरतमंदों को आधुनिक और बेहतरीन सर्जरी निःशुल्क रूप से उपलब्ध हो सके.
डॉ शीतल महुआ ने कहा कि रिम्म में रोबोट से ऑपरेशन की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि रोबोटिक ऑपरेशन से मेडिकल छात्रों को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षक और फैकल्टी के साथ साथ MS के छात्र इस आधुनिक विधा से पढ़ाई के दौरान ही ऑपरेशन की बारीकी सीख जाएंगे. बता दें कि HandX की मदद से गॉल ब्लैडर की लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन की टीम में सर्जरी विभाग के चिकित्सक सर्जन डॉ निशित एक्का, डॉ अभिनव रंजन, डॉ नेहा चटर्जी, डॉ शाश्वत शामिल थे. इसके अलावा रोबोटिक सर्जरी के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ शीतल मलुआ, डॉ आरजी बाखला, डॉ डीके सिन्हा, डॉ पंकज बोदरा, डॉ नाबू, डॉ निमिष, डॉ अरविंदन, डॉ सृष्टि, डॉ सुप्रिया और डॉ सौरव ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया.
रिम्स के निदेशक डॉ( पदमश्री) कामेश्वर प्रसाद ने रिम्स को एम्स दिल्ली की तर्ज पर विकसित करने का दावा किया था. रिम्म से इलाज कराने पहुंचे मरीजो को बेहतर इलाज की सुविधा मिले. इसके साथ ही डॉक्टरों को रिसर्च में मदद की जाएगी, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा. रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत उस दिशा में पहला कदम है.