रांचीः राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स आए दिन चर्चा का विषय बना रहता है. क्योंकि इस स्वास्थ्य संस्थान पर राज्य भर के लाखों लोग आश्रित हैं. लेकिन इस बार का मामला कुछ अलग है. इस बार रिम्स एक सड़क को लेकर चर्चा में है, जिस पर गड्ढे खोदे गए हैं. गड्ढे खोदने की वजह भी बहुत गंभीर है.
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दरअसल रिम्स के बगल के मोहल्ले बरियातू और रिम्स परिसर के बीच एक रास्ता है, जिसके माध्यम से रिम्स परिसर में बाहर के लोग आसानी से प्रवेश कर जाते हैं. उस रास्ते का उपयोग करते हुए कई बार उपद्रवी और चोर उचक्के किस्म के लड़के भी रिम्स परिसर में प्रवेश कर जाते हैं और अस्पताल में आने जाने वाले, डॉक्टरों के साथ छिनतई और छेड़खानी करते हैं.
रांची के बरियातू थाना में पुरुष डॉक्टरों के साथ छिनतई और महिला चिकित्सकों के साथ छेड़खानी के कई मामले देखने को मिलते हैं. इस रास्ते का उपयोग कर असामाजिक तत्व रिम्स परिसर में घुस जाते हैं और अस्पताल के सुनसान एवं मैदानी क्षेत्र में बैठकर घंटों तक नशा करते नजर आते हैं.
इस रास्ते को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जगदीप चौधरी बताते हैं कि डॉक्टरों के साथ लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए रिम्स प्रबंधन की तरफ से कार्यवाई की गई है, लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिला. प्रबंधन के प्रयास के बाद अब जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से एक बार फिर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर प्रयास किए गए हैं. जिसके अंतर्गत प्रबंधन की अनुमति से रास्ते के बीच में गड्ढे कर दिए गए हैं ताकि कोई भी असामाजिक व्यक्ति पिछले रास्ते से अस्पताल में प्रवेश न कर सके.
डॉक्टर रणविजय बताते हैं कि अस्पताल के बगल में शहर का बड़ा मोहल्ला बसा हुआ है. जिस मोहल्ले में लाखों लोग रहते हैं और उनके द्वारा रिम्स के पीछे वाले रास्ते का उपयोग किया जाता है. इसका लाभ असामाजिक तत्व भी उठाते हैं. देर शाम होते ही उचक्के किस्म के लड़के रिम्स परिसर में प्रवेश कर जाते हैं और आते जाते महिला चिकित्सक कर्मियों के साथ छेड़खानी करने का काम करते हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से प्रयास किया जा रहा है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, लेकिन इसके लिए रिम्स प्रबंधन और पुलिस के लोगों को आगे आना होगा. तभी रिम्स में काम करने वाले चिकित्सक और हॉस्टल में रहने वाले मेडिकल छात्र छात्राएं सुरक्षित रह पाएंगे.
पूरे मामले पर रिम्स के अधीक्षक डॉ हीरेन बिरुवा बताते हैं कि जिस रास्ते से मोहल्ले वासी परिसर में आने का काम करते हैं, वह रास्ता छात्रों के रहने वाले हॉस्टल के पास है. किसी भी संस्थान का हॉस्टल एरिया निजी होता है. ऐसे में उस रास्ते का बंद होना बहुत जरूरी है, लेकिन स्थानीय लोग आने जाने से बाज नहीं आ रहे हैं. महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को देखते हुए उस क्षेत्र में होमगार्ड की तैनाती की गई है. वहीं आने जाने वाले रास्ते पर लाइट भी लगाए जा रहे हैं ताकि नाइट ड्यूटी में काम करने वाले चिकित्सकों को परेशानी ना हो.
हालांकि अभी भी हॉस्टल परिसर के पास कई सिक्योरिटी लैप्स देखने को मिल रहे हैं. जिसका नाजायज फायदा असामाजिक तत्व उठाते हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से आए दिन असामाजिक तत्वों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाता है. अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा यदि डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है तो बरियातू मोहल्ले और रिम्स के बीच के रास्ते को पूरी तरह से बंद करना होगा.