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रिम्स फोन कांड: डीएसपी राजेंद्र दूबे ने कबूला अपना आरोप, ईडी से मांगी माफी - रांची न्यूज

रिम्स फोन कांड (RIMS phone case) में साहिबगंज के सदर डीएसपी राजेंद्र दुबे (DSP Rajendra Dubey) ने ईडी के सामने यह कबूल कर लिया है कि वे पंकज मिश्रा के कहने पर ईडी के गवाहों को प्रभावित करने में लगे हुए थे. शुक्रवार को ईडी के समाने डीएसपी ने यह भी कबूल लिया कि वह रिम्स में पंकज मिश्रा से भी कई बार मिले थे.

RIMS phone case ED interrogation of DSP Rajendra Dubey
RIMS phone case ED interrogation of DSP Rajendra Dubey
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Published : Dec 9, 2022, 8:54 PM IST

रांची: झारखंड में 1000 करोड़ के अवैध खनन के जरिये कमाई गई अवैध कमायी के जरिये की गई मनी लाउंड्रिंग के मामले में पंकज मिश्रा और साहिबगंज एसपी की मुसीबत बढ़ सकती है. मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनधि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दूबे (DSP Rajendra Dubey) लगातार उससे संपर्क में थे. ईडी के समक्ष राजेंद्र दूबे ने कबूला है कि वह रिम्स के पेईंग वार्ड में जाकर गैरकानूनी तरीके से पंकज मिश्रा से मिले थे. वहीं लगातार उनसे फोन पर बात की थी. राजेंद्र दूबे ने बताया है कि पंकज मिश्रा और अपने वरीय अधिकारियों के निर्देश पर ही ईडी के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की थी. शुक्रवार को ईडी ने राजेंद्र दूबे से 8 घंटे तक पूछताछ की.

ये भी पढ़ें- रिम्स फोन कांडः ईडी के सामने पेश हुए साहिबगंज डीएसपी राजेंद्र दुबे


सीसीटीवी फूटेज दिखाकर पूछा, बताओ क्यों गए थे मिलने: मिली जानकारी के अनुसार ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने राजेंद्र दुबे से रिम्स का सीसीटीवी फुटेज दिखा कर पूछताछ शुरू की (ED interrogation of DSP). पूछताछ के पहले चरण में राजेंद्र दूबे ने पंकज मिश्रा से किसी भी तरह की संपर्क होने की बात से इनकार किया था. राजेंद्र दूबे ने बताया है कि वह गिरफ्तारी के बाद कभी पंकज मिश्रा से नहीं मिले न ही फोन पर बात की. ऐसे में ईडी के अधिकारियों ने उनके समक्ष कॉल डिटेल्स रख कर सीसीटीवी भी दिखाया. जिसके बाद पंकज मिश्रा से बातचीत की बात डीएसपी ने कबूल की. डीएसपी ने कबूल किया कि रिम्स में 10 अक्टूबर को उन्होंने पंकज मिश्रा से मुलाकात की थी.


डीएसपी ने कहा, गलती हो गई: पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों ने डीएसपी राजेंद्र दूबे से पूछा कि उन्होंने न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान पंकज मिश्रा से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात की. कई दफे फोन पर भी बात की, क्या उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. डीएसपी से अधिकारियों ने पूछा कि पुलिस अधिकारी रहते हुए इस तरह कानून तोड़ने को लेकर क्या धाराएं लगती हैं. जवाब में राजेंद्र दूबे ने कहा कि उससे गलती हो गई. पूछताछ में राजेंद्र दूबे ने अधिकारियों को कहा कि उसके रिश्तेदार रिम्स में भर्ती थे, वह रिश्तेदार को देखने आए थे, तब पंकज मिश्रा से मिले थे. ईडी के अधिकारियों ने उस रिश्तेदार के बारे में जानकारी मांगी तो राजेंद्र दूबे चुप हो गए.

ये भी पढ़ें- रिम्स फोन कांड: ईडी के समन के बावजूद नहीं हाजिर हुए डीएसपी

संपत्ति, बैंक खातों के डिटेल्स ईडी ने मांगे: ईडी को यह जानकारी मिली है कि पंकज मिश्रा के रसूख का इस्तेमाल कर राजेन्द्र दुबे ने भी काफी संपत्ति अर्जित की है. ईडी ने डीएसपी से उनके और उनके रिश्तेदारों के जमीन बैंक सहित कई तरह के कागजातों की डिमांड की है ताकि उसकी जांच की जा सके.

रांची: झारखंड में 1000 करोड़ के अवैध खनन के जरिये कमाई गई अवैध कमायी के जरिये की गई मनी लाउंड्रिंग के मामले में पंकज मिश्रा और साहिबगंज एसपी की मुसीबत बढ़ सकती है. मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनधि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दूबे (DSP Rajendra Dubey) लगातार उससे संपर्क में थे. ईडी के समक्ष राजेंद्र दूबे ने कबूला है कि वह रिम्स के पेईंग वार्ड में जाकर गैरकानूनी तरीके से पंकज मिश्रा से मिले थे. वहीं लगातार उनसे फोन पर बात की थी. राजेंद्र दूबे ने बताया है कि पंकज मिश्रा और अपने वरीय अधिकारियों के निर्देश पर ही ईडी के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की थी. शुक्रवार को ईडी ने राजेंद्र दूबे से 8 घंटे तक पूछताछ की.

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सीसीटीवी फूटेज दिखाकर पूछा, बताओ क्यों गए थे मिलने: मिली जानकारी के अनुसार ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने राजेंद्र दुबे से रिम्स का सीसीटीवी फुटेज दिखा कर पूछताछ शुरू की (ED interrogation of DSP). पूछताछ के पहले चरण में राजेंद्र दूबे ने पंकज मिश्रा से किसी भी तरह की संपर्क होने की बात से इनकार किया था. राजेंद्र दूबे ने बताया है कि वह गिरफ्तारी के बाद कभी पंकज मिश्रा से नहीं मिले न ही फोन पर बात की. ऐसे में ईडी के अधिकारियों ने उनके समक्ष कॉल डिटेल्स रख कर सीसीटीवी भी दिखाया. जिसके बाद पंकज मिश्रा से बातचीत की बात डीएसपी ने कबूल की. डीएसपी ने कबूल किया कि रिम्स में 10 अक्टूबर को उन्होंने पंकज मिश्रा से मुलाकात की थी.


डीएसपी ने कहा, गलती हो गई: पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों ने डीएसपी राजेंद्र दूबे से पूछा कि उन्होंने न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान पंकज मिश्रा से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात की. कई दफे फोन पर भी बात की, क्या उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. डीएसपी से अधिकारियों ने पूछा कि पुलिस अधिकारी रहते हुए इस तरह कानून तोड़ने को लेकर क्या धाराएं लगती हैं. जवाब में राजेंद्र दूबे ने कहा कि उससे गलती हो गई. पूछताछ में राजेंद्र दूबे ने अधिकारियों को कहा कि उसके रिश्तेदार रिम्स में भर्ती थे, वह रिश्तेदार को देखने आए थे, तब पंकज मिश्रा से मिले थे. ईडी के अधिकारियों ने उस रिश्तेदार के बारे में जानकारी मांगी तो राजेंद्र दूबे चुप हो गए.

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संपत्ति, बैंक खातों के डिटेल्स ईडी ने मांगे: ईडी को यह जानकारी मिली है कि पंकज मिश्रा के रसूख का इस्तेमाल कर राजेन्द्र दुबे ने भी काफी संपत्ति अर्जित की है. ईडी ने डीएसपी से उनके और उनके रिश्तेदारों के जमीन बैंक सहित कई तरह के कागजातों की डिमांड की है ताकि उसकी जांच की जा सके.

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