रांची: राजधानी के खादगढ़ा बस स्टैंड पर बने विश्राम गृह पर पूर्ण विराम लग गया है. यह हम नहीं, बल्कि तस्वीरें बता रही हैं. इस विश्राम गृह को बनाने का उद्देश्य यह था कि खादगढ़ा बस स्टैंड में आने वाले बस चालक और उप चालक यहां विश्राम कर सकें, लेकिन नगर निगम की उदासीनता की वजह से यह विश्राम गृह बेकार पड़ा हुआ है.
चालकों को सोने के लिए उठानी पड़ती है परेशानी
खादगढ़ा में बने विश्राम गृह की ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला कि चालक के लिए बनाए गए विश्राम गृह में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है. बस चालक कल्याण संघ के अध्यक्ष बजरंगी लाल बताते हैं कि विश्राम गृह बंद रहने की वजह से चालकों को गाड़ी में ही सोना पड़ता है या फिर पैसे खर्च करके धर्मशाला या फिर होटल में कमरा लेकर सोने की व्यवस्था करनी पड़ती है.
विश्राम गृह की बदहाली पर नगर निगम के उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय बताते हैं कि शुरुआत के समय में जिस कंपनी को टेंडर दिया गया थी वह कंपनी बीच में ही काम छोड़कर चली गई, जिस कारण चालक विश्वाम गृह बंद पड़ा हुआ है.
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वर्षों से लगा है ताला
बस स्टैंड पर कार्यरत नगर निगम के सिटी मैनेजर बताते हैं कि विश्राम गृह में बिजली न रहने की वजह से चालू नहीं किया जा सका है. इसको लेकर उच्च अधिकारी को सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है.
मालूम हो कि बस स्टैंड पर बने विश्राम गृह की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है, लेकिन वर्षों से विश्राम गृह में लगे ताले से यही प्रतीत होता है कि नगर निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं. बस स्टैंड पर बना विश्राम गृह चालक और उप चालक के लिए काफी महत्वपूर्ण रखता है, क्योंकि खादगढ़ा बस स्टैंड से सैकड़ों ऐसी बसें चलती हैं, जो सिर्फ रात का ही सफर तय करती हैं.
अभी तक काम ठप
ऐसे में ऐसे बस चालकों को यात्रियों की सुरक्षा के लिए सोना बेहद जरूरी होता है. इसके लिए विश्राम गृह काफी महत्व रखता है, लेकिन नगर निगम और सरकार के उदासीन रवैये की वजह से यह विश्राम गृह अभी तक चालू नहीं हो पाया है. चालकों का कहना है कि अगर नगर निगम विश्राम गृह को संचालित नहीं कर पा रहा है तो चालकों को ही इसकी जिम्मेदारी दे दी जाए, ताकि हम अपने आराम करने की व्यवस्था खुद कर सकें. जो भी हो विश्राम गृह की आवश्यकता को देखते हुए नगर निगम को इस पर गंभीर विचार करने की जरूरत है, ताकि बस स्टैंड पर आने जाने वाले यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें.