लातेहार: जिले में पिछले कुछ दिनों से आतंक का पर्याय बन चुके नक्सली संगठन संघर्ष जन मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो राजेश सिंह खरवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार नक्सली लातेहार और गुमला जिले में लगातार विभिन्न आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था. हाल के दिनों में लातेहार के रेलवे ठेकेदार को भी उसने धमकी दी थी. गिरफ्तार के समय नक्सली के पास से एक पिस्टल और दो गोली भी बरामद हुई है.
दरअसल, गिरफ्तार नक्सली ने थर्ड रेल लाइन निर्माण कंपनी के ठेकेदार से वीडियो कॉलिंग कर रंगदारी मांगी थी. उसने ठेकेदार को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बंदूक दिखाकर धमकी दी थी कि यदि पैसे नहीं दिए तो अंजाम बुरा होगा. ठेकेदार के द्वारा इस मामले की लिखित शिकायत थाना में की गई थी.
इस आवेदन के बाद एसपी कुमार गौरव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नक्सली की गिरफ्तारी के लिए डीएसपी अरविंद कुमार और थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े के नेतृत्व में टीम गठित की. पुलिस की टीम ने नक्सली की गिरफ्तारी के लिए रणनीति बनाकर छापेमारी की और गुप्त सूचना पर सटीक कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
13 वर्षों से कर रहा था अपराध
इस संबंध में जानकारी देते हुए एसपी कुमार गौरव ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली चंदवा थाना क्षेत्र के चिरो गांव का रहने वाला है. उन्होंने कहा कि विगत 13 वर्षों से वो नक्सली संगठन संघर्ष जन मुक्ति मोर्चा के साथ जुड़ा रहा. वर्तमान में यह इस संगठन का मुखिया है.
एसपी ने बताया कि रेलवे ठेकेदार से रंगदारी मांगने के अलावे इस पर 12 से अधिक मामले विभिन्न थाना में दर्ज हैं. एमपी ने कहा कि वर्तमान समय में नक्सली गुमला जिले के एक प्रखंड से अपने संगठन का संचालन कर रहा था. इसकी गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन एसजेएमएम काफी हद तक कमजोर हो गया है.
5 साल पहले था 2 लाख रुपए का इनामी
एसपी कुमार गौरव ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली पर वर्तमान समय में कोई इनाम घोषित नहीं है. लेकिन 5 साल पहले तक इस नक्सली पर सरकार की ओर से 2 लाख रुपए घोषित था. जो कि इसके बाद यह संगठन निष्क्रिय हो गया था, तो इस अपराधी का इनाम रिन्यूवल नहीं किया गया. गिरफ्तारी के लिए चलाए गए छापेमारी अभियान में डीएसपी अरविंद कुमार, थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े, सब इंस्पेक्टर विक्रांत उपाध्याय, राजा दिलावर आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही है.
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