रांची: हेमंत सरकार की नई उत्पाद नीति ने तमाम सवालों पर पानी फेर दिया है. नई नियमावली लागू होने के दो माह के भीतर राजस्व वसूली का सारा रिकॉर्ड टूट गया है. मई माह में रिकॉर्ड 188.29 करोड़ और जून में 180 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. इसी साल मई माह में नई नीति के लागू होने से पहले इतना बड़े राजस्व की वसूली कभी नहीं हुई थी. फिलहाल झारखंड में देसी, विदेशी और कंपोजिट शराब की संचालित खुदरा दुकानों की संख्या 1,527 है.
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बीयर की किल्लत को दूर करने के लिए बोकारो में नई ब्रेवरी से उत्पादन शुरू कर दिया गया है. हालांकि देसी शराब के स्थानीय विनिर्माताओं द्वारा झारखंड उत्पाद (देशी शराब के विनिर्माण, बोतलबंदी और भंडारण) संशोधन नियमावली 2022 के मुताबिक आधारभूत संरचना विकसित करने में विलंब की वजह से देसी मदिरा की आपूर्ति प्रभावित हुई है. विभाग का कहना है कि मेसर्स इस्टर्न मैन्यूफेक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट प्रा.लि., श्रीलैब ब्रेवरीज प्रा.लि., कुमार बोटलर्स और मैहर डेवलपर्स ने देशी शराब के ब्रांडों का निर्माण शुरू कर दिया है. इसलिए जुलाई में इसकी किल्लत खत्म हो जाएगी.
विभाग का दावा है कि साल 2017 में नियमावली बनने के प्रथम माह में सिर्फ 23 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई थी. 2018 की नियमावली के प्रथम माह में 152 करोड़ वसूले गये थे. जबकि 2018 की नियमावली के अंतिम दो माह यानी मार्च और अप्रैल 2022 में 156 और 109 करोड़ की वसूली हुई थी. इसकी तुलना में 2022 की नियमावली की बदौलत रिकॉर्ड राजस्व मिला है. विभाग का कहना है कि नई उत्पाद नीति के तहत ट्रैक एवं ट्रेस सिस्टम को लागू किया जाना है. ऐसा होने से बिक्री की पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग और लिकेज की संभावना खत्म हो जाएगी. लेकिन कुछ कारणों से इसे लागू करने में विलंब हो रहा है. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में रांची, जमशेदपुर, सरायकेला, धनबाद और बोकारो में शुरू कर दिया गया है. इसी माह खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला, गिरिडीह और चाईबासा के सभी खुदरा उत्पाद दुकानों में ट्रैक एंड ट्रैस व्यवस्था लागू करने की योजना है.
विभाग का कहना है कि शराब की एमआरपी से ज्यादा पैसे वसूलने पर कार्रवाई की जा रही है. हर शराब की दुकान पर शिकायत दर्ज कराने के लिए फोन नंबर प्रदर्शित किए गये हैं. इस आधार पर अबतक 140 कर्मियों को टर्मिनेट किया जा चुका है.