रांचीः रायपुर से चोरी जेवरात को बरामद करने के बाद उसमें से एक हिस्से को खपाने की सिमडेगा पुलिस की कोशिश अब उसे भारी पड़ने लगी है. इस मामले को लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से सिमडेगा के एसपी शम्स तबरेज को हटाने की अनुशंसा की है. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सीआईडी जांच में आए तथ्यों के आधार पर सिमडेगा एसपी को हटाने की अनुशंसा की गई है. हालांकि इस अनुशंसा पर सरकार ने अब तक कार्रवाई नहीं की है.
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वहीं दूसरी तरफ सीआईडी ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा चलाने का फैसला लिया है. इस मामले में बीते दिन बांसजोर थाने के तत्कालीन प्रभारी आशीष कुमार, दारोगा संदीप कुमार, पुलिस चालक समेत अन्य आरोपी जेल भेजे गए थे. अब सीआईडी ने इस मामले में जांच के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का फैसला लिया है. पीसी एक्ट की धारा जुड़ने के बाद पूरे मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे.
एसपी का प्रमोशन भी हो सकता है बाधित
आपको बता दें कि चोरी जेवरात बरामद करने के बाद उसमें से एक हिस्से को उड़ाने की कोशिश की वजह से पूरे झारखंड पुलिस की बदनामी हुई थी. अब माना जा रहा है कि इस कांड के बाद 2008 बैच के सिमडेगा के एसपी शम्स तबरेज का प्रमोशन भी बाधित हो सकता है. क्योंकि साल 2022 में इसी बैच के आईपीएस अधिकारियों का डीआईजी रैंक में प्रमोशन होना है.
दरअसल, जेवरात खपाने के मामले में तत्कालीन डीआईजी और सीआईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर सिमडेगा एसपी पर विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई थी. विभागीय कार्रवाई शुरू होने से शम्स तबरेज का प्रमोशन प्रभावित हो सकता है.