रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर शिक्षा जगत पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है. इस वर्ष आईसीएसई और सीबीएसई की ओर से 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई हैं. इंटरनल असेसमेंट के आधार पर परीक्षार्थियों को पास किया जाएगा. दूसरी ओर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से भी ऐसा ही कुछ निर्णय लिया जा सकता है. इधर, ऐसे विद्यार्थियों के नामांकन को लेकर रांची विश्वविद्यालय भी एक योजना के तहत काम कर रहा है.
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चांसलर पोर्टल के माध्यम से ही होगा नामांकन
राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष चांसलर पोर्टल के माध्यम से किया जाता है. यहां पहले से ही नामांकन का आधार अंक होता है. आवेदन के बाद कॉलेज बार मेरिट सूची जारी की जाती है और इस बार भी चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन लिया जाएगा.
इन कॉलेजों में होगा वेबसाइट के माध्यम से आवेदन
12वीं का रिजल्ट जारी होने के बाद चांसलर पोर्टल ओपन होगा. इसके अलावा गोस्सनर कॉलेज, संत जेवियर कॉलेज, निर्मला कॉलेज और योगदा सत्संग कॉलेज में स्नातक में नामांकन अंकों के आधार पर होगा. लेकिन यह सभी कॉलेज चांसलर पोर्टल की जगह अपने वेबसाइट के माध्यम से आवेदन लेंगे. रांची के अंगीभूत और संबद्धता प्राप्त कई कॉलेजों में इंटरमीडिएट की भी पढ़ाई होती है. इसमें रांची वीमेंस कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज जैसे कई कॉलेज शामिल है.
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स्कूलों की ओर से दिए गए अंक के आधार पर नामांकन
इन कॉलेजों में नामांकन दसवीं के अंक के आधार पर लिया जाएगा. हालांकि विश्वविद्यालयों के पास इस बार ऐसे पास आउट बच्चों के नामांकन लेने में कई परेशानियां आ सकती है और इस परेशानी को दूर करने के लिए रांची विश्वविद्यालय एक योजना के तहत काम कर रही है. रांची विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त रूप से नामांकन को लेकर विचार विमर्श कर रही है.
क्या बोले कुलपति
हालांकि, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि पहले से ही चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन लेने के प्रावधान है. सीबीएसई, आईसीएसई और इसके अलावा अन्य राज्य बोर्डों की ओर से दिए गए मार्कशीट और अंक को आधार मान कर इस बार भी चांसलर पोर्टल के जरिए ही नामांकन लिया जाएगा. किसी भी तरीके की त्रुटि होने पर ऑन द स्पॉट उसे दूर किया जाएगा. कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार ये परिस्थिति सामने आई है और इस परिस्थिति में हर किसी को आगे आकर विद्यार्थियों के हित में फैसला लेना होगा.
एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षा ऑफलाइन लेने पर विचार
रांची विश्वविद्यालय में एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षा ऑफलाइन लिए जाने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग से स्वीकृति मांगी गई है. क्योंकि यह परीक्षा अगर ऑफलाइन नहीं ली जाती है तो परीक्षार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा. उनका इंटरनल एसेसमेंट करने का कोई उपाय भी नहीं है. हालांकि, यूजीसी की गाइडलाइन के तहत फाइनल ईयर की परीक्षा ऑफलाइन तरीके से ही लेना है. इसे देखते हुए विभिन्न संकाय के फाइनल ईयर की परीक्षा ऑफलाइन लिए जाने को लेकर विश्वविद्यालयों की ओर से राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई है.