ETV Bharat / state

रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस का पोस्टमार्टम, कर्मचारियों ने खोली पोल! - Ranchi News

रांची रिम्स का पोस्टमार्टम हाउस बदहाल (RIMS Postmortem house condition) है. यहां पोस्टमार्टम के लिए आने वाले मृतक के परिजनों और कर्मचारियों ने इसकी पोल खोली है.

RIMS Postmortem house condition
RIMS Postmortem house condition
author img

By

Published : Sep 21, 2022, 3:50 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 9:53 PM IST

रांची: राजधानी रांची का रिम्स अस्पताल राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है. जहां राज्य के सभी अस्पतालों से मरीज इलाज के लिए रेफर होते हैं. इसके अलावा रिम्स का पोस्टमार्टम हाउस भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं यहां पोस्टमार्टम की बेहतर सुविधाएं हैं लेकिन, जमीनी स्तर पर देखें तो रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति (RIMS Postmortem house condition) बद से बदतर है.

इसे भी पढ़ें: रिम्स के चतुर्थवर्गीय परीक्षा पर रोक लगाने से झारखंड हाई कोर्ट का इनकार, समय पर होगी परीक्षा

रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस में नहीं हैं बेहतर इंतजाम: राज्य के कई जिलों में पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होने के कारण मृतकों के शव को रांची के रिम्स अस्पताल ही भेजे जाते हैं ताकि उनकी मौत के कारणों का पता चल सके. लेकिन यहां आने पर पता चला कि मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को कई घंटों या फिर दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. पोस्टमार्टम हाउस में आए मृतक के परिजनों ने बताया कि यहां डेड बॉडी को ले जाने के लिए बेहतर स्ट्रेचर नहीं हैं. वहीं परिजनों के बैठने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है.

देखें पूरी खबर

मृतक के परिजनों और कर्मचारियों ने बताई स्थिति: ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति जानने के लिए वहां के कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की तो वे कैमरे से बचते नजर आए. लेकिन ऑफ कैमरा पोस्टमार्टम हाउस में आए मृतक के परिजन और काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि यहां पर कर्मचारियों की घोर कमी है. जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, उनकी जगह पर नए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

शव रखने के लिए खराब पड़े हैं फ्रीजर: पोस्टमार्टम हाउस के बाहर शव रखने वाले फ्रीजर भी खराब पड़े हुए हैं. कई बार यहां लोगों को शवों से आने वाले दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है. वहीं कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से कई बार डेड बॉडी से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ का निष्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है और आवारा कुत्ते इंसानों के सड़े गले अंगों को खाते देखे जाते हैं.

क्या कहते हैं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी: लोगों की परेशानी को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने कहा कि शवों को रखने के लिए मोर्चरी हाउस बनाए गए हैं. जहां तक पोस्टमार्टम हाउस की बात है, उसे लेकर विभागीय स्तर पर काम किए जा रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही पोस्टमार्टम हाउस और मोर्चरी हाउस को पूर्ण रूप से दुरुस्त कर दिया जाएगा.

रांची: राजधानी रांची का रिम्स अस्पताल राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है. जहां राज्य के सभी अस्पतालों से मरीज इलाज के लिए रेफर होते हैं. इसके अलावा रिम्स का पोस्टमार्टम हाउस भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं यहां पोस्टमार्टम की बेहतर सुविधाएं हैं लेकिन, जमीनी स्तर पर देखें तो रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति (RIMS Postmortem house condition) बद से बदतर है.

इसे भी पढ़ें: रिम्स के चतुर्थवर्गीय परीक्षा पर रोक लगाने से झारखंड हाई कोर्ट का इनकार, समय पर होगी परीक्षा

रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस में नहीं हैं बेहतर इंतजाम: राज्य के कई जिलों में पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होने के कारण मृतकों के शव को रांची के रिम्स अस्पताल ही भेजे जाते हैं ताकि उनकी मौत के कारणों का पता चल सके. लेकिन यहां आने पर पता चला कि मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को कई घंटों या फिर दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. पोस्टमार्टम हाउस में आए मृतक के परिजनों ने बताया कि यहां डेड बॉडी को ले जाने के लिए बेहतर स्ट्रेचर नहीं हैं. वहीं परिजनों के बैठने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है.

देखें पूरी खबर

मृतक के परिजनों और कर्मचारियों ने बताई स्थिति: ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति जानने के लिए वहां के कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की तो वे कैमरे से बचते नजर आए. लेकिन ऑफ कैमरा पोस्टमार्टम हाउस में आए मृतक के परिजन और काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि यहां पर कर्मचारियों की घोर कमी है. जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, उनकी जगह पर नए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

शव रखने के लिए खराब पड़े हैं फ्रीजर: पोस्टमार्टम हाउस के बाहर शव रखने वाले फ्रीजर भी खराब पड़े हुए हैं. कई बार यहां लोगों को शवों से आने वाले दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है. वहीं कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से कई बार डेड बॉडी से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ का निष्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है और आवारा कुत्ते इंसानों के सड़े गले अंगों को खाते देखे जाते हैं.

क्या कहते हैं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी: लोगों की परेशानी को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने कहा कि शवों को रखने के लिए मोर्चरी हाउस बनाए गए हैं. जहां तक पोस्टमार्टम हाउस की बात है, उसे लेकर विभागीय स्तर पर काम किए जा रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही पोस्टमार्टम हाउस और मोर्चरी हाउस को पूर्ण रूप से दुरुस्त कर दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 21, 2022, 9:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.