रांचीः झारखंड सरकार से नाराज राशन दुकानदारों ने सोमवार को अपनी दुकानें बंद रखी. राजभवन के समक्ष धरना देकर सरकार से मांग पूरी करने का अनुरोध किया. उनके समर्थन में बीजेपी के दो विधायक उनके साथ धरने पर बैठे.
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ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के बैनर आयोजित इस आंदोलन में हौसला आफजाई करने भाजपा विधायक सीपी सिंह और नवीन जायसवाल पहुंचे. इस दौरान भाजपा विधायकों ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए राशन दुकानदारों की मांग को सही बताया. उन्होंने कहा कि इनकी मांगों के समर्थन में वो सड़क से लेकर सदन तक में आवाज उठाएंगे.
राज्य में 25 हजार राशन दुकानदारः सोमवार को 7 सूत्री मांगों को लेकर राशन दुकानदारों के आंदोलन की वजह से राज्य भर में पीडीएस दुकानें बंद रहीं. फेडरेशन के प्रधान महासचिव संजय कुंडू ने राज्य सरकार एवं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 महीने से पीएमजीकेवाई कमीशन का पैसा बकाया है. सरकार से बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी टालमटोल की जा रही है. इसके अलावा पिछली सरकार ने पीडीएस दुकानदारों के लिए अनुकंपा लागू किया गया था मगर यह सरकार ने बंद कर दिया है. अब ना तो अनुकंपा के आधार पर और ना ही 60 वर्ष उम्र की सीमा के बाद उनके परिवार के किसी सदस्य को राशन दुकान का लाइसेंस मिलेगा. ऐसे में राज्य सरकार राशन दुकानदारों के साथ ज्यादती कर रही है. यह कैसी विडंबना है कि 5G के इस युग में बायोमेट्रिक व्यवस्था में सुधार करने के बजाय सरकार ई पॉस मशीन में 2G का इस्तेमाल कर रही है.
राशन दुकानदारों की क्या है मांगेंः पीडीएस दुकानदारों की मुख्य मागों में 13 महीने से पीएमजीकेवाई के बकाया कमीशन का पैसा का भुगतान हो. इसके अलावा पूर्व सरकार की तरह अनुकंपा पर लाइसेंस की व्यवस्था बहाल हो. अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी वन नेशन वन कार्ड वन रेट की प्रक्रिया को लागू किया जाए. बायोमैट्रिक व्यवस्था में व्यापक सुधार के साथ ई पॉस मशीन को 2G की जगह 4G में कन्वर्ट किया जाए. केंद्र सरकार के आदेशानुसार एनएफएसए योजना का खाद्यान्न का कमीशन अग्रिम आवंटन के साथ दिया जाए. वर्तमान समय में 3 महीने का कमीशन राशन दुकानदारों को प्राप्त नहीं हुआ है. बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए राशन दुकानदारों के कमीशन को ₹1 की जगह ₹3 प्रति किलो दिलवाया जाए. 2022 के करोना काल से खाली जूट के बोरा की लंबित राशि का भुगतान हो.