रांची: मेयर आशा लकड़ा ने शुक्रवार को कहा कि नगर आयुक्त का अभियान 'चलो करें कोरोना को डाउन, रांची बनेगा नंबर वन टाउन' पूरी तरह फ्लॉप रहा. नगर आयुक्त खुद यह मान चुके हैं. कुछ दिन पहले मेयर ने निगम क्षेत्र अंतर्गत के 10 वार्डों में सफाई और सेनेटाइजेशन कार्य का निरीक्षण किया था. संबंधित वार्डों में कूड़े के ढेर पड़े थे. स्थानीय लोगों ने सेनेटाइजेशन, फॉगिंग और डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव नहीं किए जाने की शिकायत की थी. निरीक्षण के दौरान रांची नगर निगम के अधिकारियों को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था. लेकिन निरीक्षण के दौरान एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.
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मेयर ने लगाए कई आरोप
मेयर ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि अब नगर आयुक्त को शहर में गंदगी नजर आ रही है. शहरवासियों के प्रति उन्हें अपनी जिम्मेदारी का अहसास तो हुआ. नगर आयुक्त शहर के विभिन्न वार्डों में सफाई संबंधी कार्यों का निरीक्षण करने निकले. हालांकि, नगर आयुक्त को यह जानकारी होना चाहिए कि नगर निगम क्षेत्र में सफाई संबंधी कार्य प्रतिदिन सुबह से दोपहर 2 बजे तक की जाती है. नगर आयुक्त के निरीक्षण से पूर्व सफाईकर्मी अपने-अपने घर लौट चुके थे.
मेयर का कहना है कि नगर आयुक्त ने निरीक्षण के नाम पर जोनल सुपरवाइजर और वार्ड स्तर पर प्रतिनियुक्त मल्टी पर्पस सुपरवाइजर के माध्यम से सफाईकर्मियों को कॉल कर बुलाया गया. अगर नगर आयुक्त को सफाई कार्यों की गतिविधि से संबंधित जानकारी होती वे सफाईकर्मियों को इस प्रकार परेशान नहीं करते. नगर आयुक्त को सफाई संबंधी कार्यों का निरीक्षण ही करना है तो सुबह का समय निकलें. सफाई कार्य हो रहे हैं या नहीं, उन्हें स्वतः नजर आएगा. मेयर ने नगर आयुक्त को इंगित करते हुए यह भी कहा कि फिलहाल रांची वासी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार से सशंकित हैं. ऐसे में 10-12 दिनों के विशेष अभियान से इस शहर का कायाकल्प नहीं होगा. विशेष अभियान खत्म होते ही स्थिति पूर्व की तरह हो जाएगी. कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लंबे समय तक विशेष सफाई अभियान चलाने की आवश्यकता है.