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रिम्स प्रबंधन पर मेयर ने लगाया रिश्वत लेने का आरोप, स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी उठाए सवाल

रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि रिम्स और सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों की लचर व्यवस्था की वजह से लोगों की जान जा रही है. उन्होंने कहा कि संक्रमित मरीजों को दवा नहीं मिल रही है और न ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

Ranchi Mayor accuses RIMS management of taking bribe
रिम्स प्रबंधन पर रांची मेयर ने लगाया रिश्वत लेने का आरोप
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Published : Apr 19, 2021, 11:08 PM IST

रांचीः रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि रिम्स और सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों की लचर व्यवस्था से लोगों की जान जा रही है. उन्होंने कहा कि सोमवार को कोरोना संक्रमण मरीज को लेकर विभिन्न अस्पतालों के अधिकारियों और कर्मचारियों से संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों से सहयोग नहीं मिला.

यह भी पढ़ेंःबेड और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा झारखंड का अस्पताल, कैसे होगा इलाज

मेयर ने कहा है कि रातू रोड के एक संक्रमित मरीज को भर्ती करने के लिए डॉक्टर, कर्मचारी और सरकार की ओर से नियुक्त इंसीडेंट कमांडर से बार-बार आग्रह किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके कारण मरीज की मौत हो गई. वहीं, दूसरा उदाहरण देते हुए मेयर ने कहा कि सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है.

उन्होंने कहा कि बेड़ो के कोरोना संक्रमित मरीज को रिम्स में भर्ती कराने के लिए प्रयास किया, चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए. इंसीडेंट कमांडर शैलेश सिंह ने भी सहयोग नहीं किया, लेकिन बेड़ो के उसी मरीज ने रिम्स के हुक्मरानों को 20 हजार दिए, तो बेड उपलब्ध करा दिया गया.

मरीजों को नहीं मिल रही दवा

उन्होंने कहा सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को डॉक्टर समय पर नहीं देख रहे हैं. इसके साथ ही मरीजों को दवा नहीं दी जा रही है और न ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

रांचीः रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि रिम्स और सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों की लचर व्यवस्था से लोगों की जान जा रही है. उन्होंने कहा कि सोमवार को कोरोना संक्रमण मरीज को लेकर विभिन्न अस्पतालों के अधिकारियों और कर्मचारियों से संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों से सहयोग नहीं मिला.

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मेयर ने कहा है कि रातू रोड के एक संक्रमित मरीज को भर्ती करने के लिए डॉक्टर, कर्मचारी और सरकार की ओर से नियुक्त इंसीडेंट कमांडर से बार-बार आग्रह किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके कारण मरीज की मौत हो गई. वहीं, दूसरा उदाहरण देते हुए मेयर ने कहा कि सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है.

उन्होंने कहा कि बेड़ो के कोरोना संक्रमित मरीज को रिम्स में भर्ती कराने के लिए प्रयास किया, चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए. इंसीडेंट कमांडर शैलेश सिंह ने भी सहयोग नहीं किया, लेकिन बेड़ो के उसी मरीज ने रिम्स के हुक्मरानों को 20 हजार दिए, तो बेड उपलब्ध करा दिया गया.

मरीजों को नहीं मिल रही दवा

उन्होंने कहा सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को डॉक्टर समय पर नहीं देख रहे हैं. इसके साथ ही मरीजों को दवा नहीं दी जा रही है और न ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

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