रांची: अप्रैल महीने में झारखंड और राजधानी रांची के फल बाजारों में दक्षिण भारत के राज्य से आए आम की बहार है. आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के अलग अलग वैरायटी के आम फल बाजार में हैं. पलकुलमैन, गुलाबखास, बैगनपल्ली, तोतापरी वैरायटी के आम को रांची के लोग पसंद कर रहे हैं. रांची के खुदरा फल बाजार में अभी आम की कीमत 80 रुपये किलो से 120 रुपये किलो तक है. वहीं थोक बाजार में आम 60 रुपये से 90 रुपये किलो तक बिक रहा है.
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इस वजह से दाम अधिक: झारखंड के फल बाजार में आम के आवक का शुरुआती दौर है. इसलिए कीमत अभी ज्यादा है. साउथ के बाद लोकल आम के साथ भागलपुर और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर सहित कई जिलों से आम आते हैं. लंगड़ा मालदह के साथ साथ दशहरी और चौसा भी यहां के लोगों को काफी पसंद आ रहा है.
झारखंड का आम्रपाली आम: झारखंड में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने बिरसा आम जरूर विकसित किया. लेकिन वह पॉपुलर नहीं हुआ है. वहीं पिछले कुछेक वर्षों में आम्रपाली आम का उत्पादन जरूर बढ़ा है. बागवानी मिशन अभियान की वजह से इसमें तेजी आई है. थोक फल व्यवसायी साहिल रहमान कहते हैं कि लोकल बीजू, लंगड़ा के साथ साथ आम्रपाली आम कोलकाता, बिहार और ओडिशा भेजा जाता है. साहिल कहते हैं कि दक्षिणी भारत के आम के बाद जून महीने में भागलपुर का लंगड़ा मालदह बाजार में छा जाता है. इसके बाद अगस्त महीने में उत्तर प्रदेश का चौसा और दशहरी सीजन के लास्ट तक बाजार में रहता है.
20336 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान: BAU से बागवानी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 2339 हेक्टेयर में 20336 मीट्रिक टन आम के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2019-20 में राज्य में 2294 हेक्टेयर में 20317 मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ था. रांची के फल बाजार में हर वर्ष 60 से 70 ट्रक आम आंध्र प्रदेश से आता है जबकि बिहार के भागलपुर से अकेले 40 ट्रक लंगड़ा मालदह राँची के फल बाजार में पहुंचता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश से चौसा और दशहरी आम भी बड़ी मात्रा में रांची के फल बाजार में हर वर्ष पहुंचता है.