रांची: सुखदेव भगत के कांग्रेस पार्टी में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा है कि एक पॉलीटिशियन के रूप में उनकी विश्वसनीयता ना कांग्रेस में रही है, ना बीजेपी में, जनता भी थू-थू कर रही है, ऐसे में अब देखना यह है कि जनता ऐसे लोगों पर विश्वास करती है या नहीं.
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सुखदेव भगत ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था और प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के खिलाफ चुनाव में उतरे थे. हालांकि उनकी हार हुई. इसके बाद वह बीजेपी में सक्रिय भी नहीं रहे. पिछले दिनों सुखदेव भगत ने आलाकमान को वापसी के लिए आवेदन भी दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने बेरमो उपचुनाव में गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल के मंच को भी साझा किया, जिसके बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव काफी नाराज हैं, क्योंकि उनका मानना है कि जब उनकी कांग्रेस पार्टी में वापसी नहीं हुई है, तो उनको मंच साझा नहीं करना चाहिए था.
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि सुखदेव भगत ने ऐन वक्त पर कांग्रेस पार्टी को लात मार दी, जबकि पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया, दो बार वह विधायक रहे और प्रदेश कांग्रेस के 5 साल तक अध्यक्ष रहे, फिर भी वो साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे और कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का हर प्रयास किया. उन्होंने कहा कि साल भर के अंदर वह फिर कांग्रेस पार्टी में क्यों आना चाहते हैं, इसका जवाब वही दे सकते हैं, लेकिन एक साल में वह दो बार कांग्रेस और बीजेपी जैसे राष्ट्रीय पार्टी से निकाले जा चुके हैं, ऐसे में उसकी विश्वसनीयता नहीं रही है. उन्होंने कहा कि ना ही उनकी कांग्रेस में और ना ही बीजेपी में विश्वसनीयता बची है.