रांचीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर शुक्रवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने राष्ट्रपिता को नमन करते हुए कहा कि जिन्हें राष्ट्र आज महात्मा गांधी के नाम से जानता है, वह भारत और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक और आध्यात्मिक नेता थे.
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि वे सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे. उनकी इस अवधारणा की नींव संपूर्ण अहिंसा के सिद्धांत पर रखी थी, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति आंदोलन के लिए प्रेरित किया. उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी सादगी और दृढ़ इच्छाशक्ति ने भारत को दुनिया में अलग पहचान दिलाई.
आंदोलन के लिए किया प्रेरित
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि बापू ने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति आंदोलन के लिए प्रेरित किया. हमें गांधी के विचारों को आगे बढ़ाना है और आत्मसात करके आगे बढ़ना है.
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आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिए आशीर्वाद
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर संबोधित करते हुए आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिए उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएं मांगी थी. उन्होंने कहा कि शास्त्री के जीवन की सादगी देश के हर नेता के लिए उदाहरण रही है. उनकी जिंदगी से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिससे इस बात का पता चलता है कि वे देश के सर्वाच्च लोकतांत्रिक पदों में से एक पर बैठे हुए भी कितने सरल थे.
संघर्ष के लिए सत्याग्रह
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि गांधी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए सत्याग्रह करना शुरू किया और 1915 में उनकी भारत वापसी हुई. उसके बाद उन्होंने यहां के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट किया. वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक और जातीय एकता निर्माण और आत्मनिर्भरता के लिए अस्पृश्यता के विरोध में अनेक कार्यक्रम चलाए.