रांची: 22 जनवरी 2024 का दिन बेहद खास होनेवाला है. इस दिन अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में राम लला विराजमान होंगे. इस दिन को ऐतिहासिक बनाने की देशभर में बड़ी तैयारियां की जा रही हैं. यही वजह है कि राजधानी रांची में 29 दिसंबर से लगे राष्ट्रीय पुस्तक मेला में सबसे ज्यादा गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस को पसंद किया जा रहा है.
धार्मिक पुस्तकों के बड़े प्रकाशकों में से एक गीता प्रकाशन से जुड़े कन्हैया लाल पटेल ईटीवी भारत से कहते हैं कि यह प्रभु राम के प्रति राजधानीवासियों के अपार प्रेम ही है कि मेले में सबसे अधिक लोग धार्मिक पुस्तकों को खरीद रहे हैं. उसमें भी सबके ज्यादा रामचरित मानस को लोग अपने घर के पूजा स्थल पर जरूर रखना चाहते हैं. कन्हैया लाल पटेल कहते हैं कि इस वर्ष गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस के साथ साथ वाल्मीकि रचित रामायण भी लोगों को खूब भा रहा है.
पुस्तक मेले में पहुंची गायत्री बर्णवाल हों या गणेश विश्वकर्मा, हर किसी की चाहत यही कि वह भले ही 22 जनवरी को अयोध्या में होने अलौकिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायेंगे, लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है. रामचरितमानस तो वह घर ले ही जा रहे हैं. 22 जनवरी को घर में दीया भी जलाएंगे. गायत्री कहती हैं कि भगवान आने वाले हैं. इसलिए 22 जनवरी को दीपावली मनाने की पूरी तैयारी है. वहीं रामचरितमानस खरीदने की वजह अयोध्या से जुड़ाव बताते हुए गणेश विश्वकर्मा कहते हैं कि रामचरितमानस का पाठ करेंगे और दीया जलाएंगे.
रांची में समय इंडिया संस्था द्वारा लगाए गए राष्ट्रीय पुस्तक मेला का थीम सोशल मीडिया के दौर में पुस्तकों का महत्व रखा गया है. हर दिन इस विषय पर जहां पुस्तक मेला परिसर में संवाद, चर्चा और वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. 9 जनवरी तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में धार्मिक पुस्तकों के साथ साथ जवाहरलाल नेहरू की डिस्कवरी ऑफ इंडिया, सद्गुरु की लिखी डेथ, प्रेमचंद के गोदान के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी पत्रिका की भी अच्छी बिक्री हो रही है.
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